प्रथम टुडे जबलपुर।
शेयर ट्रेडिंग के नाम पर लोगों से लाखों रुपये की ठगी करने वाले एक मास्टरमाइंड को राज्य सायबर पुलिस जोन जबलपुर की टीम ने गिरफ्तार किया है। आरोपी तकनीकी रूप से दक्ष बताया जा रहा है, जो निवेशकों को मुनाफे का लालच देकर पैसे विभिन्न फर्मों के बैंक खातों में जमा करवाता था और फिर उन्हें अन्य खातों में ट्रांसफर कर देता था।
राज्य सायबर पुलिस जोन जबलपुर ने यह कार्रवाई अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल श्री साई मनोहर के निर्देशों के पालन में पुलिस अधीक्षक श्री प्रणय नागवंशी के मार्गदर्शन और उप पुलिस अधीक्षक वैरिन्द्र सिंह चौहान के निर्देशन में की।
विवेचना टीम में निरीक्षक भावना तिवारी, उपनिरीक्षक नीलम द्विवेदी, आरक्षक अजीत कुमार गौतम और आशीष पटेल शामिल रहे।
ऐसे हुआ खुलासा
निरीक्षक भावना तिवारी ने बताया कि फरियादी अभिजीत जैन से आरोपीगण ने शेयर ट्रेडिंग में मुनाफा दिलाने का झांसा देकर 32 लाख 28 हजार 520 रुपये विभिन्न खातों में जमा करवाए थे। शिकायत पर राज्य सायबर पुलिस जोन जबलपुर में अपराध क्रमांक 84/2025 धारा 318(4), 319(2), 61(2) बीएनएस एवं 66(D) आईटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की गई।
जांच के दौरान आरोपी के बैंक खातों और तकनीकी साक्ष्यों का विश्लेषण किया गया। विवेचना टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए फरियादी को लगभग 17 लाख रुपये की राशि वापस करवाई। जांच में सामने आया कि ठगी की राशि "डिमेन्टर स्पाइस एंड कंडिमेंट प्रायवेट लिमिटेड" नामक फर्म के खाते में जमा कराई जा रही थी, जो आरोपी की खुद की फर्म थी।
नागपुर से हुआ मास्टरमाइंड गिरफ्तार
जांच के बाद आरोपी अंकित सुधाकर तलवारकर पिता सुधाकर तलवारकर (उम्र 31 वर्ष), निवासी प्लॉट नं. 16, चक्रपाणिनगर, पिपला रोड, कृष्ण मंदिर के पास, थाना हुडकेश्वर, जिला नागपुर (महाराष्ट्र) को गिरफ्तार किया गया।
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह नागपुर में “तलवारकर यूनिसेक्स सैलून” संचालित करता है। अप्रैल 2025 में उसने मसालों की थोक बिक्री के लिए अपनी फर्म "डिमेन्टर स्पाइस एंड कंडिमेंट प्रायवेट लिमिटेड" खोली थी और IDFC बैंक में खाता खुलवाया था। इसी खाते में वह शेयर ट्रेडिंग के नाम पर ठगी की रकम मंगवाता था और तुरंत अन्य खातों में ट्रांसफर कर देता था।
सायबर पुलिस की सराहनीय भूमिका
राज्य सायबर पुलिस जोन जबलपुर की विवेचना टीम ने तत्परता और तकनीकी दक्षता के साथ कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया तथा फरियादी को आंशिक राशि रिफंड कराई।
इस पूरे प्रकरण के निराकरण में निरीक्षक भावना तिवारी, उपनिरीक्षक नीलम द्विवेदी, आरक्षक अजीत कुमार गौतम और आरक्षक आशीष पटेल की सराहनीय भूमिका रही।
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