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Sunday, September 7, 2025

साल का अंतिम पूर्ण चंद्रग्रहण आज, कई देशों में दिखेगा ‘ब्लड मून’

 

प्रथम टुडे जबलपुर ।

 ।भाद्रपद पूर्णिमा की रात, रविवार 7 सितंबर 2025 को साल का आखिरी पूर्ण चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण भारत सहित एशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका, फिजी और अंटार्कटिका के अलग-अलग हिस्सों में दिखाई देगा।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार भारत में यह ग्रहण रात 9:58 बजे से शुरू होगा। इसका मध्यकाल रात 11:41 बजे रहेगा और समापन 1:27 बजे होगा। इस प्रकार यह घटना करीब 3 घंटे 28 मिनट तक चलेगी। ग्रहण के दौरान चांद का रंग लाल व नारंगी नजर आएगा, जिसे ‘ब्लड मून’ कहा जाता है।

सूतक काल की मान्यता

ग्रहण भारत में दिखाई देने के कारण सूतक काल मान्य होगा। यह दोपहर 12:57 बजे से ही शुरू हो गया है। शास्त्रों में इस समय भोजन, शुभ कार्य और मंदिर दर्शन से बचने की बात कही गई है। मान्यता है कि इस काल में मंत्र जाप और ईश्वर का स्मरण विशेष फलदायी होता है।

सितंबर में लगेगा सूर्यग्रहण भी

इस महीने दो बड़े ग्रहण पड़ रहे हैं। चंद्रग्रहण के बाद 21 सितंबर को सूर्यग्रहण होगा। हालांकि सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। शास्त्रों के अनुसार धार्मिक कृत्य और स्नान आदि केवल उन्हीं स्थानों पर मान्य होते हैं, जहां ग्रहण प्रत्यक्ष रूप से दिखता है।

मंदिरों की विशेष परंपराएं

सूतक काल को लेकर देश के विभिन्न मंदिरों में अलग-अलग मान्यताएं हैं। अधिकांश स्थानों पर कपाट बंद हो जाते हैं, लेकिन कुछ प्रसिद्ध मंदिरों में ग्रहण के समय भी दर्शन की अनुमति रहती है।

  • उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर – यहां ग्रहण के दौरान भी कपाट बंद नहीं होते। केवल पूजा-अर्चना और आरती के समय में परिवर्तन किया जाता है।
  • बीकानेर का लक्ष्मीनाथ मंदिर – इस मंदिर में भी सूतक काल मान्य नहीं माना जाता और दर्शन नियमित चलते रहते हैं।
  • केरल का थिरुवरप्पु श्रीकृष्ण मंदिर – यहां भगवान को दिन में कई बार भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि कृष्ण भूख सहन नहीं कर सकते, इसलिए ग्रहण में भी मंदिर बंद नहीं होता।
  • गया का विष्णुपाद मंदिर – यहां ग्रहण के समय पिंडदान करना शुभ माना जाता है और मंदिर सदैव खुला रहता है।
  • काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी – यहां कपाट पूरे सूतक के लिए नहीं, बल्कि ग्रहण से लगभग ढाई घंटे पहले बंद किए जाते हैं। ग्रहण से पहले निर्धारित समय पर आरती व भोग की परंपरा पूरी की जाती है।

आज का पंचांग (07 सितंबर 2025)

  • पूर्णिमा तिथि: 11:38 रात्रि तक, इसके बाद प्रतिपदा
  • नक्षत्र: शतभिषा रात 9:41 बजे तक, फिर पूर्व भाद्रपद
  • राहुकाल: 5:01 अपराह्न से 6:36 अपराह्न तक
  • सूर्योदय: 6:02 प्रातः, सूर्यास्त: 6:36 सायं
  • चंद्रमा का संचार: कुम्भ राशि में

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