प्रथम टुडे | जबलपुर
ऑनलाइन गेमिंग अब बच्चों के लिए मनोरंजन से ज़्यादा खतरा बनते जा रहे हैं। जबलपुर में ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक नाबालिग लड़की को Free Fire गेम के ज़रिए बहलाकर अपहरण कर लिया गया और मुंबई तक ले जाया गया। रेलवे पुलिस की सतर्कता और नाबालिग के साहस के चलते आरोपी की साजिश नाकाम हो सकी।
गेमिंग के बहाने दोस्ती, फिर अपहरण की साजिश
पीड़िता के पिता द्वारा पुलिस अधीक्षक को दिए गए आवेदन के मुताबिक, उनकी बेटी की पहचान उत्तर प्रदेश निवासी तनवीन आलम नाम के युवक से Free Fire गेम के दौरान हुई। गेम खेलते हुए दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई, जो धीरे-धीरे विश्वास और भावनात्मक जुड़ाव का रूप लेने लगी।
आरोपी ने फर्जी नाम “पूजा” से लड़की से दोस्ती की और बहलाकर उसे स्कूल से बाहर बुलवाया। फिर वह उसे ऑटो से दमोह नाका होते हुए रेलवे स्टेशन लेकर गया और ट्रेन से मुंबई रवाना हो गया।
मुंबई में दिखाया साहस, पुलिस को बताई पूरी सच्चाई
मुंबई पहुंचने पर तनवीन आलम ने लड़की को बहन बताकर गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन लड़की ने साहस दिखाते हुए रेलवे पुलिस को पूरी घटना की जानकारी दी। पुलिस ने आरोपी के झांसे में आए बिना सतर्कता दिखाई और दोनों को अपनी कस्टडी में लेकर जबलपुर भेज दिया।
फर्जी पहचान और मानव तस्करी का संदेह
पीड़िता के पिता ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि आरोपी युवक खुद को लड़की बनाकर सोशल मीडिया और गेमिंग ऐप्स पर भोली-भाली लड़कियों को निशाना बनाता है। उनका कहना है कि आरोपी किसी संगठित गिरोह का हिस्सा हो सकता है जो मानव तस्करी जैसी वारदातों में संलिप्त है। उन्होंने युवक के मोबाइल की डिजिटल जांच और उसके नेटवर्क की गहराई से पड़ताल की मांग की है।
गोहलपुर थाने की पुलिस की सक्रियता ने बचाई जान
इस मामले में जबलपुर के गोहलपुर थाना पुलिस की भूमिका अहम रही। समय रहते त्वरित कार्रवाई की गई और पीड़िता को सुरक्षित घर पहुंचाया गया। एसपी श्री संपत उपाध्याय ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए गोहलपुर पुलिस की सराहना की है। उन्होंने बताया कि जांच जारी है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
सतर्क रहें: ऑनलाइन गेमिंग बन रहा अपराध का जरिया
यह घटना उन सभी अभिभावकों के लिए चेतावनी है, जो बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। गेमिंग प्लेटफॉर्म अब अपराधियों के लिए आसान माध्यम बनते जा रहे हैं, जिनके ज़रिए वे मासूम बच्चों तक पहुंच बना रहे हैं।
अभिभावकों से अपील है कि बच्चों के मोबाइल व ऑनलाइन एक्टिविटी पर निगरानी रखें, साथ ही उन्हें इंटरनेट की सुरक्षित उपयोग की जानकारी दें।

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