प्रथम टुडे | जबलपुर | सच की बात सबके साथ
पनागर थाना क्षेत्र से सामने आए इस गंभीर मामले ने जबलपुर प्रशासन को झकझोर कर रख दिया है। दो नाबालिग बच्चियों के गर्भवती पाए जाने की पुष्टि उस समय हुई जब आंगनबाड़ी केंद्र में उनका पंजीयन कराने के दौरान संबंधित तथ्य सामने आए।
सूत्रों के अनुसार, यह मामला 19 जुलाई को ही आंगनबाड़ी टीम के संज्ञान में आ गया था, लेकिन महिला बाल विकास अधिकारी आराधना गर्ग, सुपरवाइजर (प्यासी मैडम) एवं अन्य जिम्मेदारों ने इसे दबाने की कोशिश की। न तो स्थानीय थाने में इसकी शिकायत दी गई, न ही जिला अधिकारियों को सूचना दी गई।
सूत्र बताते हैं कि 19 जुलाई को पंचनामा बनाया गया था, लेकिन आज दिनांक तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई थी।
मीडिया में मामला उजागर होने के बाद
इस घटना की जानकारी जैसे ही मीडिया तक पहुँची, प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया। मामला सामने आते ही इसे लेकर जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास एवं जिला कलेक्टर को जानकारी दी गई।
क्या बोले महिला एवं बाल विकास विभाग के डायरेक्टर?
महिला एवं बाल विकास विभाग के डायरेक्टर सौरभ सिंह ने प्रथम टुडे से चर्चा करते हुए कहा:
"मामले की जांच पूरी पारदर्शिता से की जाएगी। यदि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की लापरवाही पाई गई तो उसके खिलाफ सख्त प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। बच्चियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।"
जिलाधिकारी ने दिए जांच के निर्देश
जिलाधिकारी ने प्रथम टुडे को जानकारी दी कि तीन दिनों के भीतर जांच पूरी कर कार्रवाई की जाएगी और बच्चियों को प्रशासनिक सुरक्षा मुहैया कराई जाएग
बकेट महिला बाल विकास की टीम कर क्या रही है
पनागर जैसे शांत क्षेत्र में इस प्रकार की घटनाएं न केवल समाज की नैतिक स्थिति पर सवाल खड़े करती हैं बल्कि सरकारी निगरानी तंत्र की विफलता भी उजागर करती हैं। सवाल यह है कि जब मामला जुलाई 19 को सामने आ गया था, तो इसे थाने और जिला स्तर तक क्यों नहीं पहुँचाया गया? क्या किसी और संवेदनशील मामले को भी ऐसे ही दबाया जा रहा है?

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