दो सगी बहनों को फंसाने वाला नेटवर्क बेनकाब, विदेशों से होती थी फंडिंग
प्रथम टुडे आगरा।
सदर क्षेत्र की रहने वाली दो सगी बहनों के अपहरण और धर्मांतरण मामले में आगरा पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। शनिवार को पुलिस ने छह राज्यों से 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया। जांच में सामने आया है कि यह गिरोह सुनियोजित तरीके से नाबालिग और युवतियों को फंसाकर उनका धर्म परिवर्तन करवाता था।
विदेशी फंडिंग और गैंग की साजिश
पुलिस के अनुसार, गिरोह को कनाडा, लंदन और अमेरिका से फंड मिलता था। गिरोह के हर सदस्य की अलग जिम्मेदारी तय थी। पहले युवतियों को पैसे और लालच देकर अपने जाल में फंसाया जाता, फिर उनके रहने के लिए मकान और खर्च का इंतजाम किया जाता। इसके बाद लगातार ब्रेनवॉश किया जाता ताकि वे वापस न लौट सकें। निकाह और कानूनी कागजात तैयार करवाने के लिए भी अलग-अलग सदस्य काम करते थे।
आरोपियों की जिम्मेदारियां
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आयशा उर्फ एसबी कृष्णा (गोवा निवासी)
ओडिशा मूल की है और धर्मांतरण के बाद नाम बदलकर आयशा रख लिया। विदेशों से फंडिंग जुटाती और गैंग को रुपये बांटती है। -
अली हसन उर्फ शेखर राय (कोलकाता)
बैरकपुर कोर्ट का कर्मचारी है। बड़े लोगों से संपर्क और फंड का वितरण करता है। -
रीत बनिक उर्फ इब्राहिम (कोलकाता)
गिरोह का मुख्य सदस्य। इंस्टाग्राम आईडी "कनेक्टिंग रिवर्ट" से लोगों को धर्मांतरण के लिए उकसाता। आगरा की बहनों को कोलकाता बुलाने में इसकी भूमिका रही। -
ओसामा (कोलकाता)
धर्मांतरण के लिए आने वालों को मुस्लिम बस्तियों में ठहराने और व्यवस्था करने का जिम्मेदार। -
रहमान कुरैशी (आगरा)
यूट्यूब चैनल ‘सुन्ना’ चलाता है। धर्म बदलने वाली युवतियों के वीडियो बनाकर प्रचार करता है। -
मोहम्मद अली (जयपुर)
पहले कलीम सिद्दीकी के लिए काम कर चुका है। राजस्थान में गिरोह का नेटवर्क संभालता है। -
अब्बू तालिब (मुजफ्फरनगर)
धर्मांतरण के बाद कानूनी कागजात तैयार करता ताकि किसी को वापस लौटने से रोका जा सके। -
अब्दुल रहमान (देहरादून)
उत्तराखंड में धर्मांतरण की गतिविधियां चलाता था। अब्बू तालिब के संपर्क में था। -
मुस्तफा उर्फ मनोज (दिल्ली)
बहनों को दिल्ली में ठहराने और बिहार व कोलकाता पहुंचाने का जिम्मेदार। -
जुनैद कुरैशी (जयपुर)
मोहम्मद अली के लिए काम करता और युवतियों को फंसाने का काम करता है।
पुलिस की कार्रवाई और नेटवर्क की पड़ताल
पुलिस ने बताया कि सभी आरोपियों से पूछताछ की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। उनके बैंक खातों, विदेशी फंडिंग और नेटवर्क को खंगाला जा रहा है। और भी गिरफ्तारी की संभावना है।
दोनों बहनों की बरामदगी
33 और 18 वर्षीय दोनों बहनों को बरामद करने के लिए पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने एडीसीपी सिटी आदित्य के नेतृत्व में सात टीमें बनाई थीं। साइबर सेल और सर्विलांस की मदद से उनकी लोकेशन कोलकाता में मिली। वहां दबिश देकर दोनों को सुरक्षित वापस लाया गया।
कट्टरपंथी संगठनों से संबंध के संकेत
प्रारंभिक जांच में गिरोह के पीएफआई, एसडीपीआई और पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से कनेक्शन होने के संकेत मिले हैं। एटीएस और एसटीएफ इस एंगल से जांच कर रही हैं।
सीएम योगी का मिशन अस्मिता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर चल रहे मिशन अस्मिता के तहत इस रैकेट का भंडाफोड़ हुआ। पहले भी उमर गौतम और मुफ्ती जहांगीर जैसे बड़े नाम धर्मांतरण के आरोप में पकड़े जा चुके हैं। डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा है कि इस नेटवर्क का हर चेहरा बेनकाब होगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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