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जबलपुर। रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर जबलपुर स्थित खुली जेल में इस वर्ष एक मानवीय पहल के तहत बहनों को अपने बंदी भाइयों से मिलने और राखी बांधने की अनुमति दी गई है। इसके लिए जेल प्रशासन द्वारा विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं ताकि भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को जेल की दीवारें भी बाधित न कर सकें।
खुली जेल परिसर में जिलेवार टेंट, आधा घंटा का समय
जेल उपाधीक्षक कमलेश मदन ने जानकारी दी कि बहनों को जेल में बंद अपने भाइयों से मिलने के लिए प्रत्येक जिले के अनुसार अलग-अलग टेंट लगाए जाएंगे। बहनें अपने भाई को आधा घंटे तक राखी बांध सकेंगी। यह प्रक्रिया सुबह 6:00 बजे से शुरू होगी।
5 वर्ष तक के बच्चों को अनुमति, पंजीकरण रक्षाबंधन वाले दिन ही
इस अवसर पर 5 साल तक के छोटे बच्चों को बिना अनुमति के प्रवेश की अनुमति दी गई है, जबकि 5 साल से अधिक आयु के बच्चों के लिए अनुमति जरूरी होगी। रजिस्ट्रेशन की कोई पूर्व व्यवस्था नहीं है, पंजीकरण उसी दिन जेल परिसर में ही किया जाएगा।
बाहर से कोई सामग्री नहीं, जेल कैंटीन में उपलब्ध रहेंगी राखी, मिठाई और तिलक
सुरक्षा कारणों से बाहर से कोई भी सामग्री लाने की अनुमति नहीं होगी। जेल कैंटीन में ही राखी, तिलक, मिठाई और रुमाल जैसी वस्तुएं उपलब्ध कराई जाएंगी ताकि बहनें वहीं से लेकर राखी बांध सकें।
जिनकी बहनें जेल में बंद हैं, उनसे मिलने भाई आएंगे
जेल प्रशासन ने यह भी बताया कि ऐसी बहनें जो स्वयं जेल में बंद हैं, उनसे मिलने के लिए उनके भाई रक्षाबंधन के दिन जेल में आएंगे। ऐसे मामलों में मुलाकात जेल कार्यालय में उपाधीक्षक या संबंधित जेल अधिकारी की निगरानी में कराई जाएगी।
समाज में सकारात्मक संदेश
जेल प्रशासन की यह पहल समाज में एक मानवीय और सकारात्मक संदेश देती है कि परिस्थितियाँ चाहे जैसी भी हों, रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम को जोड़ता है। इस पहल से जेल में बंद कई बंदियों को अपनों से मिलने का अवसर मिलेगा और रिश्तों की डोर और भी मजबूत होगी।

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