हाईकोर्ट के आदेश पर चंडाल भाटा में अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई का पहला दिन
श्रद्धालुओं की नाराजगी के बाद प्रशासन ने बदला रुखयाचिकाकर्ता ने जिला प्रशासन को दिया लिखित पत्र: 'मंदिर परिसर से नहीं है आपत्ति'सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही, टकराव टला
प्रथम टुडे जबलपुर
हाईकोर्ट के निर्देश पर चंडाल भाटा स्थित ऐतिहासिक अघोरी बाबा मंदिर के कुछ हिस्सों को अतिक्रमण मानते हुए नगर निगम ने नोटिस जारी किया था। इसके बाद क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनने लगी।
जनता में नाराजगी
कल से ही मंदिर परिसर में नोटिस चस्पा किए जाने के बाद क्षेत्रीय श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों में आक्रोश देखा गया। आज सुबह 6 बजे से भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। भीड़ भी धीरे-धीरे इकट्ठा होने लगी थी जिससे टकराव की आशंका बनने लगी।
प्रशासन ने बदला फैसला
स्थिति को भांपते हुए प्रशासन ने रणनीति में बदलाव किया और मंदिर परिसर को छोड़कर अन्य अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई शुरू की। इनमें पक्के और अस्थाई दोनों प्रकार के निर्माण शामिल थे।
याचिकाकर्ता ने गलती से नोटिस जारी हो गए थे
सूत्रों के अनुसार याचिकाकर्ता राजेश अग्रवाल उर्फ बबलू ने जिला प्रशासन को लिखित में जानकारी दी है कि उन्हें अघोरी बाबा मंदिर परिसर से कोई आपत्ति नहीं है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा मंदिर के आसपास का जो मुद्दा था वह पहले ही हाल हो गया था, जिला प्रशासन एवं नगर निगम प्रशासन ने गलती से यहां पर नोटिस दे दिए थे, लेकिन बबलू ने कहा कि मंदिर क्षेत्र में नगर निगम सफाई व्यवस्था दुरुस्त करे और असामाजिक तत्वों पर पुलिस कार्रवाई करे।
हालांकि अंतिम निर्णय प्रशासन या न्यायालय द्वारा लिया जाना अभी शेष है।
श्रद्धालुओं ने ली राहत की सांस
यह जानकारी सामने आते ही श्रद्धालुओं में राहत की लहर दौड़ गई। लोगों ने ‘अघोरी बाबा की जय’ के नारे लगाए और याचिकाकर्ता को धन्यवाद दिया।
प्रशासनिक, पुलिस, नगर निगम अधिकारी थे मौजूद
आज की कार्रवाई में प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों का दल सक्रिय रहा:
- प्रशासन की ओर से: एसडीएम पंकज मिश्रा, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
- पुलिस विभाग से: नगर पुलिस अधीक्षक सुनील नेमा, थाना प्रभारी - गोहलपुर, कोतवाली, हनुमानताल, घमापुर, माढ़ोताल सहित भारी पुलिस बल तैनात रहा।
- नगर निगम से: अतिक्रमण प्रभारी मनीष तड़से, लक्ष्मण कोरी और अन्य अमला उपस्थित रहा।
फिलहाल मंदिर परिसर सुरक्षित है और अन्य अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया जारी है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए शांति व्यवस्था बनाए रखी जाएगी।

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