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Thursday, July 10, 2025

जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी बंद होने की अफवाहों पर विराम, गीता गुइन की पोस्ट से बढ़ा विवाद, मंत्री राकेश सिंह ने दी सफाई"


प्रथम टुडे | जबलपुर।
मेडिकल यूनिवर्सिटी को लेकर सोशल मीडिया पर फैल रही बंद होने की खबरों और एक विवादास्पद बयान ने जबलपुर शहर में नई बहस को जन्म दे दिया है। मेडिकल कॉलेज की पूर्व डीन डॉ. गीता गुइन की सोशल मीडिया पोस्ट के बाद मामला गरमा गया, जिसके विरोध में भाजपा युवा मोर्चा ने मोर्चा खोलते हुए थाने में शिकायत दर्ज करवाई।

क्या कहा था गीता गुइन ने?

सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट में डॉ. गीता गुइन ने जबलपुर से मेडिकल यूनिवर्सिटी शिफ्ट होने की अफवाहों पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा,
“जबलपुर को चिड़ियाघर ही मिलना चाहिए, क्योंकि हम सब जानवर हैं।”
इस बयान को शहर के सम्मान के विरुद्ध बताते हुए भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता ओमती थाने पहुंचे और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की।

मंत्री राकेश सिंह ने दी सफाई

मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने साफ किया कि जबलपुर की मेडिकल यूनिवर्सिटी को बंद करने का कोई निर्णय सरकार ने नहीं लिया है।
उन्होंने बताया कि कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट कहा है कि यूनिवर्सिटी अपने वर्तमान स्वरूप में ही बनी रहेगी, बल्कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत इसमें व्यवसायिक पाठ्यक्रमों को भी जोड़ा जाएगा।
सरकार का लक्ष्य जबलपुर को मेडिकल एजुकेशन और हेल्थ इनोवेशन का हब बनाना है।

गीता गुइन की टिप्पणी पर नाराजगी

मंत्री राकेश सिंह ने पूर्व डीन की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि—
“कुछ लोग जबलपुर जैसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक शहर की छवि को जानबूझकर धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं। कभी चिड़ियाघर का मजाक उड़ाया जाता है, तो कभी फिल्म सिटी जैसे विकास प्रोजेक्ट्स का विरोध किया जाता है।”
उन्होंने दोहराया कि सरकार विकास योजनाओं को दृढ़ता से आगे बढ़ाएगी और किसी भी प्रकार की नकारात्मकता को प्रोत्साहन नहीं दिया जाएगा।

प्रशासन भी सतर्क

मेडिकल यूनिवर्सिटी को लेकर उपजे विवाद और सोशल मीडिया पर फैल रही भ्रामक जानकारियों को देखते हुए प्रशासन भी सतर्क हो गया है। संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अफवाह फैलाने वालों पर नजर रखी जाए और जरूरत पड़ने पर कार्रवाई की जाए।

5 बिंदुओं में समझिए पूरा मामला:

  1. अफवाहों की शुरुआत:
    कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स में जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी को बंद करने की बात कही गई, जिससे भ्रम की स्थिति बनी।

  2. गीता गुइन की पोस्ट से विवाद:
    मेडिकल कॉलेज की पूर्व डीन ने पोस्ट में लिखा कि "जबलपुर को चिड़ियाघर ही मिलना चाहिए", जिसे अपमानजनक माना गया।

  3. भाजपा युवा मोर्चा का विरोध:
    बयान को लेकर युवा मोर्चा ने ओमती थाने में शिकायत दी और एफआईआर की मांग की।

  4. मंत्री राकेश सिंह की सफाई:
    मंत्री ने स्पष्ट किया कि यूनिवर्सिटी बंद नहीं होगी, बल्कि इसे और सशक्त बनाया जाएगा।

  5. प्रशासन की निगरानी:
    सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों को लेकर प्रशासन सतर्क है और शांति बनाए रखने की अपील कर रहा है।

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