शहरभर के मंदिरों में रुद्राभिषेक, भजन-कीर्तन और कांवड़ यात्राओं की रही धूम
प्रथम टुडे, जबलपुर।
सावन के पावन माह का तीसरा सोमवार भगवान शिव की भक्ति में पूरी तरह रंगा नजर आया। अलसुबह से ही शहर के प्रमुख मंदिरों में शिवभक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं ने जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा और भस्म से भोलेनाथ का रुद्राभिषेक कर उनके प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित की।
शहर के शिवालयों में रही विशेष पूजा-अर्चना
गुप्तेश्वर महादेव, भोले कुटी, कचनार सिटी शिव मंदिर सहित शहर के छोटे-बड़े तमाम शिवालयों में भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं। मंदिरों में भोर से ही रुद्राभिषेक और अभिषेक के मंत्रोच्चार गूंजते रहे। श्रद्धालुओं ने पूरे भक्ति भाव से शिव तांडव स्तोत्र, महामृत्युंजय मंत्र और शिव चालीसा का पाठ किया।
मंदिरों के प्रांगणों में दिनभर भजन-कीर्तन और भोग प्रसादी का आयोजन चलता रहा। महिलाओं, युवाओं और बच्चों में इस पावन दिन को लेकर विशेष उत्साह देखा गया।
कांवड़ यात्राओं ने खींचा ध्यान, 55 किलोमीटर पैदल यात्रा में जुटे श्रद्धालु
सावन सोमवार पर इस बार जबलपुर में कांवड़ यात्राओं का भी विशेष उत्साह देखने को मिला।
कटंगी और पनागर की कांवड़ यात्राएं इस बार विशेष चर्चा में रहीं। खासकर कटंगी की कांवड़ यात्रा, जो ग्वारीघाट से कटंगी तक लगभग 55 किलोमीटर की दूरी तय करती है, श्रद्धालुओं की भक्ति का प्रतीक बनी रही।
इस यात्रा में इस बार 10 से 12 हजार श्रद्धालु शामिल हुए, जिन्होंने मां नर्मदा से जल भरकर पैदल चलते हुए भगवान शिव को जल चढ़ाया।
यह यात्रा पिछले 12 वर्षों से लगातार आयोजित हो रही है, केवल कोविड काल में एक वर्ष के लिए स्थगित रही थी।
इस बार की यात्रा की खास बात यह रही कि इसमें 10 से 11 वर्ष की उम्र के बच्चे भी कांवर लेकर शामिल हुए, जिनका उत्साह देखते ही बनता था।
श्रद्धा, आस्था और संयम का अद्भुत संगम
पूरे दिन शहर का माहौल शिवमय रहा। ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम द्वारा शिवालयों और यात्रा मार्गों पर विशेष व्यवस्थाएं की गई थीं। श्रद्धालुओं ने इस दिन को अनुशासन और भक्ति भाव से पूर्ण रूप से मनाया।
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