प्रथम टुडे जबलपुर।
भारतीय जनता पार्टी के भीतर जारी खींचतान अब खुलेआम सड़कों पर दिखने लगी है। नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल के प्रथम नगर आगमन को लेकर शहरभर में लगाए गए स्वागत पोस्टर और होर्डिंग्स को फाड़ने की घटना ने पार्टी की छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह विवाद सिर्फ एक पोस्टर तक सीमित नहीं है, बल्कि संगठन में गहरी आंतरिक कलह का संकेत देता है।
सांसद आशीष दुबे के पोस्टर सबसे ज्यादा फाड़े गये
शहर के प्रमुख चौराहों पर लगाए गए स्वागत पोस्टरों में सबसे ज्यादा नुकसान सांसद आशीष दुबे की तस्वीरों को पहुंचाया गया है। शुक्रवार देर रात या शनिवार तड़के कुछ अज्ञात लोगों ने एक बड़े पोस्टर में सांसद की तस्वीर के ठीक ऊपर से चीरा लगाकर उसे बिगाड़ दिया। आश्चर्यजनक यह है कि पोस्टर पर अन्य नेताओं की तस्वीरें जस की तस हैं। इससे साफ संकेत मिलता है कि यह कोई सामान्य शरारत नहीं, बल्कि संगठन के भीतर ही किसी धड़े की रणनीति का हिस्सा हो सकता है।
नेतृत्व पर उठे सवाल
इस घटना ने विपक्ष को भी भाजपा पर हमलावर होने का मौका दे दिया है। कांग्रेस के पूर्व नगर अध्यक्ष दिनेश यादव ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर कहा –
यह सिर्फ पोस्टर फाड़ने की घटना नहीं है, बल्कि भाजपा के अंदर की गहरी दरारें उजागर हुई हैं। जब पार्टी में अपने ही सांसद का सम्मान नहीं हो रहा, तो जनता से क्या उम्मीद की जा सकती है?”
यादव ने आरोप लगाया कि प्रदेश से लेकर नगर स्तर तक भाजपा दो गुटों में बंटी हुई है और यह घटना उसी गुटबाजी का प्रमाण है।
भाजपा की ‘अनुशासन’ छवि पर धक्का
भाजपा को हमेशा एक अनुशासित और संगठित पार्टी माना जाता रहा है, लेकिन नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष के पहले ही दौरे पर इस तरह की गुटबाजी का उभरना संगठन की एकता पर सवाल खड़े कर रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सांसद आशीष दुबे को लक्षित कर पोस्टर फाड़े जाने की घटना पार्टी के अंदरूनी शक्ति-संघर्ष को और उजागर करती है।
नगर संगठन की चुप्पी
भाजपा नगर संगठन की ओर से अब तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि, पार्टी के भीतर से सूत्र बताते हैं कि हाल के दिनों में गुटबाजी काफी बढ़ गई है और यह ‘पोस्टर वॉर’ उसी का नतीजा है। इस घटनाक्रम ने साफ कर दिया है कि शहर की राजनीति में सत्ता और नेतृत्व की होड़ किस हद तक गहराई तक पहुंच चुकी है।
जनता के बीच गलत संदेश
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि यह विवाद न केवल पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि जनता के बीच भी गलत संदेश जा रहा है। ऐसे समय में, जब प्रदेश अध्यक्ष का दौरा एकता और शक्ति प्रदर्शन का प्रतीक होना चाहिए था, पोस्टर फाड़ने की घटना ने पार्टी की अंदरूनी कमजोरी को उजागर कर दिया है।

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