15 वर्षों से जारी परंपरा, प्रकृति संरक्षण का संदेश
प्रथम टुडेजबलपुर।
संस्कारधानी जबलपुर में इस वर्ष भी भव्य संस्कार कांवड़ यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। यह यात्रा रविवार सुबह 7 बजे ग्वारीघाट माँ नर्मदा के पूजन-अर्चन के बाद कैलाश धाम मतामर के लिए रवाना होगी। लाखों कांवड़िए इस पावन यात्रा में शामिल होकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगे।
गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज उपलब्धि
अवधूत दादा गुरु के मार्गदर्शन में विगत 15 वर्षों से आयोजित हो रही यह कांवड़ यात्रा विशेष पहचान रखती है। गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुकी यह अनूठी यात्रा इस मायने में भी खास है कि कांवड़ के एक ओर माँ नर्मदा का जल और दूसरी ओर पौधे रखकर कांवड़िए हरियाली का संदेश देते हैं।
प्रकृति संरक्षण का लक्ष्य
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य केवल जलाभिषेक ही नहीं, बल्कि प्रकृति संरक्षण भी है। दादा गुरु के मार्गदर्शन में अब तक 1.25 करोड़ देव वृक्षों को रोपित करने का संकल्प पूरा किया जा चुका है। इस वर्ष भी लाखों श्रद्धालु पौधों के साथ यात्रा में शामिल होकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देंगे।
विभिन्न मार्गों से निकलेगी यात्रा
यात्रा ग्वारीघाट से प्रारंभ होकर रामपुर चौक, गोरखपुर, शास्त्री ब्रिज, तीनपत्ती, मालवीय चौक, लार्डगंज, बड़ा फुहारी, कमानिया गेट, सराफा, लकड़गंज, बेलबाग, घमापुर, शीतलामाई, कांचघर होते हुए मतामर पहुँचेगी।
पत्रकार वार्ता को महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू रावल, शिव यादव और राजेश यादव ने संबोधित किया।

No comments:
Post a Comment