गुरु पूर्णिमा पर पांच हजार श्रद्धालुओं ने लिया दर्शन लाभ, धूनी वाले दादा के दरबार में भी उमड़ा भक्तों का सैलाब
प्रथम टुडे नरसिंहपुर।
गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर परमहंसी गंगा आश्रम झौंतेश्वर में आध्यात्मिक उल्लास और भक्ति का अनुपम संगम देखने को मिला। द्वारका शारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज ने पारंपरिक वैदिक विधि से चातुर्मास्य व्रत अनुष्ठान का शुभारंभ किया।
गुरुवार को अनुष्ठान की शुरुआत भगवान चंद्रमौलीश्वर और श्री यंत्र की अधिष्ठात्री देवी मां भगवती के विशेष अभिषेक से हुई। इसके बाद स्वरूपेश्वर महादेव और गुरुदेव की प्रतिमा का पूजन व अभिषेक कर भक्तों ने पुण्य लाभ अर्जित किया।
शंकराचार्य जी ने माता राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर में मां भगवती की आराधना करते हुए आरती उतारी। इस भव्य आयोजन में करीब पांच हजार श्रद्धालुओं ने शामिल होकर गुरु भक्ति में भागीदारी निभाई।
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरु व्यास पूजन कर शंकराचार्य महाराज ने चातुर्मास्य व्रत का विधिवत संकल्प लिया। श्रद्धालुओं ने उनकी पादुका का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। समाधि मंदिर स्थित प्रवचन पंडाल में चातुर्मास समारोह समिति द्वारा पादुका पूजन व माल्यार्पण किया गया।
इसी क्रम में साईंखेड़ा स्थित धूनी वाले दादा के दरबार में भी श्रद्धा और भक्ति की अनूठी मिसाल देखने को मिली। परंपरा अनुसार, लगभग दो हजार भक्त रोटी और भाजी के टिक्कर लेकर दरबार पहुंचे और प्रभु को भोग अर्पित किया। तत्पश्चात टिक्करों को महाप्रसादी के रूप में भक्तों में वितरित किया गया।
आयोजन के दौरान शंकराचार्य महाराज के सारगर्भित प्रवचन और विद्वान वक्ताओं के उद्बोधनों ने श्रद्धालुओं को अध्यात्म के गूढ़ संदेश दिए। अंत में विशाल भंडारे के साथ यह आयोजन संपन्न हुआ।।

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