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Friday, July 11, 2025

हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक का पुत्र, भाई व दो अन्य चार दिन की पुलिस रिमांड पर

 


जबलपुर, प्रथम टुडे।

हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक से जुड़े चार आरोपियों को कोर्ट ने शुक्रवार को चार दिन की पुलिस रिमांड पर सौंप दिया है। इनमें उसका बेटा, भाई और दो सहयोगी शामिल हैं। यह कार्रवाई गुरुवार को हुई गिरफ्तारी के बाद की गई है। पुलिस अब इनसे संगठित आपराधिक नेटवर्क, फरारी के ठिकानों और मददगारों की जानकारी जुटाएगी।

कोर्ट ने पुलिस की रिमांड याचिका स्वीकार की

गौरतलब है कि गुरुवार को जबलपुर पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई कर अब्दुल रज्जाक के बेटे सरफराज, भाई मोहम्मद महमूद और उनके दो साथियों अजहर व मोहम्मद अब्बास को गिरफ्तार किया था। शुक्रवार को इन सभी को कोर्ट में पेश कर पुलिस ने चार दिन की रिमांड मांगी थी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया।

कई गंभीर धाराओं में दर्ज हैं मामले

पुलिस सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार आरोपी गंभीर धाराओं में वांछित हैं:

 सरफराज पिता अब्दुल रज्जाक (उम्र 45 वर्ष), निवासी रपटा नया मोहल्ला

इसके खिलाफ गोहलपुर थाना क्षेत्र में IPC की धाराएँ 458, 323, 324, 506, 327, 363, 365, 384, 386, 420, 395, 397, 147, 148, 149, 150, 120B, 34 समेत कई अन्य मामलों में प्रकरण दर्ज हैं।

मोहम्मद महमूद पिता अब्दुल वहीद (उम्र 53 वर्ष), निवासी रपटा नया मोहल्ला

इस पर गोहलपुर और कटनी थाना क्षेत्र में धोखाधड़ी से जुड़े मामलों में IPC की धाराएँ 420, 467, 468, 471 एवं 369 के तहत मुकदमे दर्ज हैं।

अजहर पिता रियाज (उम्र 26 वर्ष)

इस पर 419, 420, 467, 468, 471, 384, 386, 506, 406, 120B जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज हैं। पुलिस ने इसके कब्जे से लगभग 40 लाख रुपये की बीएमडब्ल्यू कार जब्त की है।

मोहम्मद अब्बास पिता मोहम्मद सज्जाद

इसके विरुद्ध गोहलपुर थाने में IPC की धारा 598, 323, 324, 506, 327, 363, 365, 384, 386, 420, 397, 347, 148, 149, 150 आदि के तहत केस दर्ज हैं।

अब तक की जांच में क्या सामने आ सकता है?

पुलिस सूत्रों के अनुसार पूछताछ के दौरान इन चारों से यह जानकारी जुटाई जाएगी कि वे फरारी के दौरान कहाँ-कहाँ छिपे रहे, किन लोगों ने इनकी मदद की और इनके साथ अन्य कौन-कौन शामिल था। आशंका है कि पूछताछ में शहर और बाहरी नेटवर्क का भी खुलासा हो सकता है।

अब्दुल रज्जाक गिरोह पर शिकंजा कसना शुरू

बीते वर्षों से अब्दुल रज्जाक और उसके गुर्गों की गतिविधियाँ पुलिस के लिए सिरदर्द बनी हुई थीं। हाल की इस कार्रवाई को संगठित अपराध पर बड़ी चोट माना जा रहा है।

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