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Wednesday, July 16, 2025

स्मार्ट हॉस्पिटल पर उठे सवाल, इलाज के नाम पर की गई वसूली; बीमा राशि दिलाने का झांसा देकर मरीज से लिए पैसे

 


प्रथम टुडे / जबलपुर।
नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव तहसील अंतर्गत ग्राम कुमराखेड़ा निवासी उदयभान सिंह गोंड ने स्मार्ट सिटी हॉस्पिटल, शारदा चौक (जबलपुर) पर इलाज के नाम पर धोखाधड़ी और अनुचित वसूली के गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित ने पूरे मामले की शिकायत संबंधित अधिकारियों से की है।

ऐसे हुआ हादसा, फिर पहुंचा जबलपुर इलाज के लिए

मामला 14 सितंबर 2021 का है जब उदयभान सिंह गोंड (उम्र 27 वर्ष) का ग्राम कुमराखेड़ा में बाइक एक्सीडेंट हो गया था। घायलावस्था में उन्हें 108 एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गोटेगांव लाया गया, जहां से हालत गंभीर बताकर उन्हें मेडिकल कॉलेज जबलपुर के लिए रेफर किया गया।

हालांकि, 108 एंबुलेंस चालक ने परिजन को सलाह दी कि मेडिकल की बजाय शारदा चौक स्थित स्मार्ट सिटी हॉस्पिटल में इलाज बेहतर और जल्दी होगा। पीड़ित ने बताया कि इस भरोसे पर उन्हें वहीं भर्ती किया गया।

बिल, बीमा और भरोसे का छलावा

हॉस्पिटल में एक्स-रे जांच और इलाज के बाद बताया गया कि दाहिने पैर में गंभीर चोट है, जिसमें मेगामेंट तार लगाए गए। छुट्टी के बाद भी दर्द और परेशानी बनी रही। जब परिजनों ने इलाज को लेकर सवाल उठाए, तो हॉस्पिटल संचालक डॉ. अमित खरे ने कहा कि पूरा भुगतान कर दीजिए, बीमा राशि के माध्यम से सारा पैसा वापस करवा देंगे।

परिजन ने डॉ. खरे की बातों पर भरोसा कर इलाज की पूरी रकम जमा की, जिसकी रसीद भी उनके पास है। पीड़ित का आरोप है कि इसके अलावा कई बार नगद में अलग से पैसे भी मांगे गए, जिनका कोई रसीद नहीं दी गई। लेकिन इलाज के बाद अब तक न तो बीमा राशि वापस मिली और न ही अस्पताल की ओर से कोई संपर्क किया गया।

पहले ही दो अस्पतालों पर गिरी है गाज

गौरतलब है कि इसी सप्ताह जबलपुर के दो नामचीन अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। इनमें डॉ. राहुल अग्रवाल और डॉ. आकाश जैन द्वारा संचालित अस्पताल शामिल हैं। दोनों के खिलाफ लापरवाही के चलते एक व्यक्ति की मौत के मामले में जांच के बाद पंजीयन रद्द कर दिया गया है।

अब एक और शिकायत ने खोली पोल

अब उदयभान सिंह गोंड द्वारा की गई शिकायत ने एक बार फिर निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली और स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ित का कहना है कि उन्हें अब तक न तो उचित इलाज मिला और न ही वादे के अनुसार बीमा राशि की कोई प्रक्रिया पूरी की गई।

क्या कहते हैं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी?

इस मामले में संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा जा रहा है। अगर शिकायत सही पाई जाती है तो स्मार्ट सिटी हॉस्पिटल पर भी कड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।

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