भोपाल से पहुँची जांच टीम – कर्मचारियों और ग्राहकों के बयान दर्ज, विभाग का पक्ष अभी प्रतीक्षितबरेला ग्राम धनपुरी शराब दुकान का वीडियो हुआ था वायरल
प्रथम टुडे जबलपुर
जबलपुर। गुरुवार को बरेला स्थित शराब दुकान में आबकारी आयुक्त संजय दुबे के कथित रूप से कर्मचारियों के साथ मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। वीडियो में दुकान के अंदर अधिकारी और उनकी टीम को कर्मचारियों से बहस और हाथापाई करते हुए देखा जा रहा है। जैसे ही यह वीडियो सामने आया, पूरे शहर में यह चर्चा का विषय बन गया।
भोपाल मुख्यालय ने लिया संज्ञान
वायरल वीडियो के बाद भोपाल स्थित आबकारी मुख्यालय ने तत्काल मामले का संज्ञान लिया। ठेकेदार ने भी इस घटना की शिकायत ऑनलाइन विभाग को भेजी। इसके बाद शुक्रवार सुबह विभागीय जांच टीम जबलपुर पहुँची और मामले की जांच शुरू की।
कलेक्ट्रेट में दर्ज हुए बयान
जांच टीम ने पहले कलेक्ट्रेट पहुँचकर अधिकारियों से प्राथमिक जानकारी जुटाई। इसके बाद टीम ने बरेला शराब दुकान में मौजूद कर्मचारियों से विस्तार से पूछताछ की और उनके लिखित बयान दर्ज किए।
कर्मचारियों के आरोप – “नाम पूछते ही मारपीट की”
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अमर कुमार गुप्ता, जो झारखंड का रहने वाला है और बरेला दुकान में काम करता है, ने जांच टीम और मीडिया से कहा –
“आबकारी की टीम अचानक दुकान में आई। मेरा नाम पूछा और फिर मेरे साथ हाथापाई शुरू कर दी। मुझे दुकान से अंदर ले जाकर लात-घूंसे से मारा गया। बाद में मैनेजर का नंबर मांगा गया।” -
दिलीप गुप्ता, जो दुकान का गद्दीदार है, ने आरोप लगाया –
“संजय दुबे अपनी टीम के साथ आए और स्टॉक के बारे में पूछने लगे। मैंने पूरे कागजात दिखाए, लेकिन उन्होंने देखे बिना ही मेरे ऊपर हाथ उठा दिया। मैंने पूछा भी कि मेरी गलती क्या है, पर उन्होंने जवाब नहीं दिया।”
दोनों कर्मचारियों ने डर जताते हुए कहा कि “हमें लगता है कि भविष्य में भी हमारे साथ कोई अनहोनी हो सकती है।”
ग्राहक ने भी किया दावा – “मोबाइल छीना, फिर लौटाया”
धनपुरी गांव निवासी गोलू पटेल, जो घटना के समय शराब खरीदने दुकान पहुँचा था, ने कहा –
“मैंने देखा कि दुकान के अंदर कर्मचारियों को पीटा जा रहा था। जब मैंने रोकने की कोशिश की तो पूछा गया कि क्या मैं भी कर्मचारी हूँ। मेरा मोबाइल कुछ समय के लिए छीन लिया गया और बाद में लौटाया गया।”
भोपाल जांच टीम की कार्यवाही
जांच टीम ने:
- कर्मचारियों और ग्राहकों के बयान दर्ज किए।
- घटना के समय मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों को भी बुलाकर उनके कथन लिए।
पुराने विवादों से भी जुड़ा नाम
संजय दुबे का नाम पहले भी इंदौर में विवादों से जुड़ा रहा है। हालांकि, उन मामलों की वर्तमान स्थिति और सच्चाई की पुष्टि ‘प्रथम टुडे’ स्वतंत्र रूप से नहीं कर पाया है, इसलिए इस संबंध में विभागीय जानकारी आने का इंतजार किया जा रहा है।
विभाग का पक्ष अभी प्रतीक्षित
अब तक आबकारी आयुक्त या विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। ‘प्रथम टुडे’ ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की है और जैसे ही उनका पक्ष मिलेगा, खबर को अपडेट किया जाएगा।
जांच के बाद बड़ा फैसला संभव
माना जा रहा है कि जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर भोपाल मुख्यालय कोई बड़ा निर्णय ले सकता है। कर्मचारियों और ग्राहकों के बयान रिपोर्ट का अहम हिस्सा होंगे।

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