प्रथम टुडे जबलपुर।
बी. फार्मेसी चौथे सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान जबलपुर के एक निजी कॉलेज में उस समय हंगामा मच गया जब एक छात्र की परीक्षा उत्तरपुस्तिका शिक्षक द्वारा फाड़ दी गई। आरोप है कि शिक्षकों के आपसी टकराव का खामियाजा छात्र को भुगतना पड़ा, जिससे न केवल उसकी पढ़ाई प्रभावित हुई, बल्कि मानसिक तनाव भी गहरा गया।
छात्र ने बताया क्या हुआ परीक्षा कक्ष में
सूत्रों के अनुसार, परीक्षा समाप्त होने के बाद छात्र नितिन सिंह राजपूत ने अपनी उत्तरपुस्तिका जमा कर दी थी। इस दौरान शिक्षक तरुण उपाध्याय ने उसे परीक्षा कक्ष से बाहर जाने को कहा। तभी कक्षा में मौजूद एक अन्य शिक्षिका प्राची नेमा ने छात्र को डांटते हुए दोबारा अंदर बुला लिया।
छात्र का कहना है कि इसी भ्रम की स्थिति के कारण दोनों शिक्षकों ने उसे पूरी कक्षा के सामने ‘बदतमीज’ और ‘एटीट्यूड वाला’ बताते हुए जलील किया। इसके बाद दोनों ने मिलकर उसकी उत्तरपुस्तिका फाड़ दी और धमकी दी कि “तुम में बहुत एटीट्यूड है, अब जो कर सकते हो कर लो।”
घटना का वीडियो आया सामने
इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें एक शिक्षक यह कहते हुए दिख रहा है, “मैंने तुम्हें बुलाया लेकिन तुम आए नहीं, अब जो बिगाड़ सकते हो बिगाड़ लो।” इस घटना ने छात्र का आत्मविश्वास तोड़ा और उसके भविष्य को लेकर चिंता खड़ी कर दी।
कॉलेज प्रबंधन तक पहुंची शिकायत, पहले रही अनदेखी
छात्र ने इस घटना की शिकायत कॉलेज प्रशासन से की, लेकिन शुरू में कोई कार्यवाही नहीं हुई। छात्र का आरोप है कि जब तक इस मामले में दबाव नहीं पड़ा, तब तक कॉलेज प्रशासन ने चुप्पी साधे रखी।
NSUI के प्रदर्शन के बाद हरकत में आया प्रबंधन
बाद में छात्र ने राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) से संपर्क किया। बुधवार को NSUI कार्यकर्ताओं ने कॉलेज परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया और दोषी शिक्षकों के तत्काल निलंबन की मांग की। कार्यकर्ताओं का कहना था कि एक छात्र की उत्तरपुस्तिका फाड़ना उसकी मेहनत और आत्म-सम्मान को रौंदने जैसा है।
प्रबंधन ने दोनों शिक्षकों को किया निलंबित
प्रदर्शन के बाद कॉलेज प्राचार्य डॉ. सरस कुमार जैन ने मामले को गंभीरता से लिया और एक बयान जारी कर इसे ‘निंदनीय’ बताया। उन्होंने कहा, “छात्रों के साथ ऐसा व्यवहार किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं है। शिक्षिका प्राची नेमा और शिक्षक तरुण उपाध्याय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।”
छात्र को मिला न्याय, लेकिन कई सवाल खड़े
इस घटना ने न केवल कॉलेज प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षा संस्थानों में छात्र-शिक्षक संबंधों में पारदर्शिता और गरिमा बनाए रखना कितना आवश्यक है।
NSUI ने चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई गईं, तो छात्रों के अधिकारों के लिए और बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।
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