प्रथम टुडे | जबलपुर | 14 जुलाई 2025
मढ़ई मस्जिद भूमि विवाद को लेकर जबलपुर में सियासी और सामाजिक हलचल तेज हो गई है। विवाद की जड़ में जबलपुर कलेक्टर की ऑफिशियल फेसबुक प्रोफाइल से किया गया वह पोस्ट है, जिसमें विवादित मस्जिद को 'वैध' बताया गया था। पोस्ट के वायरल होते ही विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने विरोध का बिगुल फूंक दिया।
कलेक्टर के खिलाफ अर्थी जुलूस, पोस्टर-गधे-मटकी के साथ प्रदर्शन
सोमवार को विहिप और बजरंग दल के सैकड़ों कार्यकर्ता मढ़ई मार्ग पर इकट्ठा हुए। गुस्साए कार्यकर्ताओं ने प्रतीकात्मक 'कलेक्टर की अर्थी' के साथ मार्च निकाला। इस दौरान उन्होंने गधे की पीठ पर पोस्टर चिपकाकर प्रशासन का मजाक उड़ाया, और मटकी फोड़ प्रदर्शन भी किया।
प्रदर्शन के दौरान जैसे ही कार्यकर्ता मस्जिद की ओर बढ़े, पुलिस ने पहले से लगाए गए बैरिकेड से उन्हें रोकने की कोशिश की। मगर कुछ कार्यकर्ता बैरिकेड गिराकर आगे बढ़ गए, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। हालात बिगड़ते देख पुलिस को वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। हालांकि, किसी बड़ी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली और स्थिति नियंत्रित रही।
"कोर्ट में लंबित मामला, फेसबुक पर फैसला कैसे?" - विहिप
विहिप के पदाधिकारी सुमित ठाकुर ने कलेक्टर पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जब विवाद अब भी कलेक्टर कोर्ट में लंबित है, ऐसे में किसी भी प्रशासनिक अधिकारी द्वारा मस्जिद को वैध ठहराना न केवल न्याय प्रक्रिया का उल्लंघन है, बल्कि यह असंवैधानिक भी है।
"कलेक्टर का फेसबुक पोस्ट न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने वाला है। जब तक उन्हें जिले से नहीं हटाया जाता, आंदोलन और तेज होगा।"
— सुमित ठाकुर, पदाधिकारी, विहिप
उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व में हाईकोर्ट में इस मसले पर मस्जिद पक्ष ने स्वयं याचिका वापस ले ली थी, जो यह संकेत देता है कि मसला अभी भी स्पष्ट नहीं है।
SDM रांझी हटाए गए, क्या बनी बलि का बकरा?
सबसे हैरान करने वाला घटनाक्रम यह रहा कि फेसबुक पोस्ट के बाद रांझी के SDM आर.एस. मरावी को अचानक उनके पद से हटा दिया गया और कलेक्टर कार्यालय में अटैच कर दिया गया। बताया गया कि उन्हीं की रिपोर्ट के आधार पर फेसबुक पोस्ट तैयार किया गया था।
सूत्रों का कहना है कि अफसरों के सोशल मीडिया प्रोफाइल भी बाबुओं के भरोसे चलते हैं और बिना गंभीर जांच के दस्तावेजों पर साइन किए जाते हैं। अब सवाल यह उठ रहा है कि:
- यदि फेसबुक पोस्ट सही था, तो उसे हटाया क्यों गया?
- अगर पोस्ट गलत था, तो केवल SDM पर ही कार्रवाई क्यों?
- क्या SDM को प्रशासनिक गलती का बलि का बकरा बनाया गया?
राजनीतिक गर्मी बढ़ी, प्रशासन मौन
इस पूरे प्रकरण पर जबलपुर जिला प्रशासन अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दे पाया है। हालांकि, अंदरूनी सूत्र यह मान रहे हैं कि यह मामला प्रशासन के लिए मुश्किलें खड़ी कर चुका है। विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा।
15 जुलाई को पुतला दहन, 16 को जबलपुर बंद का ऐलान
विहिप और बजरंग दल ने एलान किया है कि यदि प्रशासन ने कलेक्टर को नहीं हटाया, तो:
- 15 जुलाई को पूरे शहर में कलेक्टर का पुतला दहन किया जाएगा
- 16 जुलाई को जबलपुर बंद रखा जाएगा
प्रशासन के पास अब सीमित समय है। एक ओर सोशल मीडिया पर उठे सवाल, दूसरी ओर धार्मिक संगठनों का उग्र आंदोलन—इन दोनों के बीच कलेक्टर का फेसबुक पोस्ट विवाद के एक बड़े राजनीतिक संकट में बदलता नजर आ रहा है।'

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