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जबलपुर/भोपाल/इंदौर | दिनांक – 27 जुलाई 2025
राज्य की बिजली वितरण कंपनियों में कार्यरत कनिष्ठ अभियंताओं (Junior Engineers) के खिलाफ बिना तकनीकी जांच के धारा 304-ए और संशोधित धारा 106 BNS के तहत दर्ज की जा रही एफआईआर को लेकर असंतोष गहराता जा रहा है। कनिष्ठ अभियंताओं का कहना है कि न तो बिजली कंपनियों द्वारा उन्हें जरूरी मेंटेनेंस सामग्री दी जा रही है, न ही पर्याप्त तकनीकी स्टाफ मुहैया कराया जा रहा है, इसके बावजूद हादसे होने पर सीधे उन्हें दोषी ठहराते हुए नामजद प्रकरण दर्ज किया जा रहा है।
इसी मुद्दे को लेकर पूरे प्रदेश में कनिष्ठ अभियंताओं ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया और पदनाम के आधार पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की। इंदौर, भोपाल और जबलपुर में इंजीनियरों ने प्रदर्शन कर शासन-प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया।
प्रमुख स्थानों पर हुआ प्रदर्शन, डीएम के माध्यम से सौंपा गया ज्ञापन
🔹 इंदौर में इंजी. जी.के. वैष्णव
🔹 भोपाल में इंजी. के.के. आर्य
🔹 जबलपुर में इंजी. डी.के. चतुर्वेदी व इंजी. अशोक जैन
के नेतृत्व में प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री श्री मो. शिवराज सिंह चौहान एवं ऊर्जा मंत्री को संबोधित ज्ञापन का वाचन कर जिलाधीश महोदय के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया गया। ज्ञापन में मांग की गई कि जब तक हादसों की तकनीकी जांच पूरी न हो, तब तक न तो व्यक्तिगत रूप से इंजीनियरों को नामजद किया जाए और न ही गिरफ्तारी की जाए। साथ ही जिम्मेदारी तय करते समय कंपनी प्रबंधन की लापरवाहियों को भी ध्यान में लिया जाए।
प्रदेशभर से जुटे इंजीनियर, रखी अपनी बात
प्रदर्शन के दौरान प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए इंजीनियरों ने संबोधित किया और अपनी पीड़ा साझा की। उन्होंने कहा कि
"हमें बिना संसाधनों के फील्ड में भेजा जाता है, कोई सुरक्षा उपकरण, कोई पर्याप्त तकनीकी स्टाफ, कोई वायरिंग मटेरियल नहीं दिया जाता। ऐसे में दुर्घटनाएं होने पर पूरी जिम्मेदारी हम पर डाल देना सरासर अन्याय है।"
प्रमुख लोगों ने रखी अपनी बात
- इंजी. अनिल व्यास – इंदौर
- इंजी. एम.एम. पांडे – रीवा
- इंजी. आर.के. अरजरिया – सागर
- इंजी. बी.पी. सिंह – सागर
- इंजी. बी.के. गुप्ता – शहडोल
- इंजी. सत्येन्द्रसिंह मलिक – भोपाल
- इंजी. जीतेन्द्र वर्मा – जबलपुर
युवा इंजीनियरों की भागीदारी भी रही अहम,
जिनमें भास्कर घोष, अमरसिंह सोलंकी, कमलेश टाले (इंदौर), सत्यजीत कुमार, शशिरंजन (उज्जैन), सौरभ सिंह भदौरिया (ग्वालियर), नृपेन्द्रसिंह (जबलपुर), योगेश दरवाई व रितेश झारिया (सिंगाजी, खंडवा) प्रमुख रहे।
पदनाम से हो FIR
प्रदर्शनकारी इंजीनियरों ने दो टूक कहा कि जब तक बिजली कंपनियां जरूरी संसाधन नहीं देतीं, तब तक दुर्घटनाओं की स्थिति में जिम्मेदार अधिकारी का 'पदनाम' दर्ज किया जाए, न कि किसी कनिष्ठ इंजीनियर को नामजद कर दंडित किया जाए।
यदि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन को प्रदेशव्यापी रूप देने की चेतावनी भी दी गई।

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