जबलपुर, प्रथम टुडे।
त्रिमूर्ति नगर, चंडाल भाटा क्षेत्र में स्थित ऐतिहासिक श्री श्री 108 गंगाराम मंसाराम अघोरी बाबा मंदिर को लेकर विवाद की स्थिति बन गई है। नगर निगम ने हाईकोर्ट के निर्देश पर इस मंदिर के एक हिस्से को अतिक्रमण मानते हुए तोड़ने का नोटिस चस्पा कर दिया है।
200 वर्ष पुराना बताया जाता है मंदिर
यह मंदिर लगभग 200 वर्ष पुराना बताया जाता है, जिसकी नींव तीन सिद्ध अघोरी भाइयों ने रखी थी। मंदिर के पंडा बताते हैं कि यहां हर जाति-धर्म के श्रद्धालु बिना किसी भेदभाव के आते हैं और नारियल, नींबू, मांस-मदिरा, गांजा जैसी वस्तुओं के माध्यम से पूजा करते हैं। भक्तों की मान्यता है कि यहां की पूजा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और पूरा परिवार सुख-समृद्धि से भर जाता है।
हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के दिए निर्देश
जानकारी के मुताबिक, चंडाल भाटा क्षेत्र के ट्रांसपोर्ट नगर में अतिक्रमण को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका कर्ता राजेश अग्रवाल उर्फ बबलू द्वारा लगाई गई याचिका पर सुनवाई करते हुए माननीय हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया और कलेक्टर दीपक सक्सेना को 10 दिनों के भीतर कार्रवाई कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
इसी आदेश के तहत नगर निगम की टीम ने ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र का सर्वे किया, जिसमें अघोरी बाबा मंदिर परिसर का एक हिस्सा भी अतिक्रमण की सीमा में पाया गया। इसके चलते नगर निगम ने मंदिर के उस हिस्से को तोड़ने का नोटिस जारी कर दिया है।
हजारों श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी है मंदिर से
मंदिर से जुड़े हजारों श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों में इस कार्रवाई को लेकर चिंता की लहर है। उनका कहना है कि यह मंदिर न सिर्फ एक धार्मिक स्थल है बल्कि सैकड़ों वर्षों की आस्था और परंपरा का केंद्र भी है। लोग मांग कर रहे हैं कि प्रशासन को इस मामले में विशेष संवेदनशीलता दिखाते हुए आस्था और आदेश के बीच संतुलन बनाना चाहिए।

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