[1/6, 13:32] Anurag Dixit:
प्रथम टुडे UP:- मऊ सदर से विधायक रहे अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता खत्म हो गई है। शनिवार को मऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट ने हेट स्पीच मामले में अब्बास अंसारी को दो साल की सजा सुनाई। इसी मामले में उनके चाचा मंसूर अंसारी को छह महीने की कैद और दोनों पर कुल 11,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया।
यह पूरा मामला
अब्बास अंसारी पर चुनावी रैली के दौरान भड़काऊ भाषण देने का आरोप था, जिसमें उन्होंने कानून व्यवस्था और प्रशासन को लेकर विवादित बयान दिया था। इस मामले की सुनवाई मऊ कोर्ट में चल रही थी, जहाँ उन्हें दोषी करार दिया गया।
क्यों गई अब्बास की सदस्यता
भारतीय जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अनुसार, किसी भी जनप्रतिनिधि को दो साल या उससे अधिक की सजा होने पर उसकी सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है। इसी आधार पर अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता अब समाप्त मानी गई है।
अब क्या होगा 6 माह में
अब मऊ विधानसभा सीट को खाली घोषित किया जाएगा।
विधानसभा सचिवालय इसकी सूचना चुनाव आयोग को भेजेगा।
चुनाव आयोग छह महीने के भीतर उपचुनाव कराएगा।
हाई कोर्ट में चुनौती देंगे अब्बास
अब्बास अंसारी के वकील का कहना है कि वह इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे। उनकी कोशिश होगी कि सजा पर रोक लगवाई जाए, जिससे सदस्यता बहाल कराई जा सके। हालांकि, जब तक हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलती, तब तक उनकी विधायकी समाप्त ही मानी जाएगी।
अफजाल अंसारी का उदाहरण
गौरतलब है कि इससे पहले अब्बास अंसारी के चाचा और गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी को भी सजा मिलने पर सांसद पद गंवाना पड़ा था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद उनकी सदस्यता बहाल हो गई थी। अब्बास भी इसी राह पर आगे बढ़ सकते हैं।

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