बड़े बेटे की नौकरी छुपाने का आरोप, दिया झूठा शपथ पत्र जिसको लेकर अब सौरभ शर्मा की मुश्किलें और बढ़ गई है
प्रथम टुडे जबलपुर :-- मध्यप्रदेश। पूर्व आरटीओ आरक्षक सौरभ शर्मा पर एक और केस दर्ज कर लिया गया है। इस बार सौरभ शर्मा के साथ उसकी मां उमा के खिलाफ भी केस हुआ है। बीते दिनों सदन में जानकारी दी गई थी कि, सौरभ शर्मा द्वारा फर्जी सर्टिफिकेट पेश कर नौकरी पाई गई। इसके लिए उसके खिलाफ मामला दर्ज किए जाने के लिए DGP को पत्र लिखा गया था।
फर्जी सर्टिफिकेट मामले में सौरभ के खिलाफ कार्रवाई होगी यह जानकारी परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने दी थी। उन्होंने ध्यानाकर्षण के दौरान कांग्रेस द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में कहा था कि, फर्जी सर्टिफिकेट मामले में सौरभ के खिलाफ कार्रवाई के लिए परिवहन विभाग ने 3 मार्च को लिखा DGP को पत्र लिखा है।
आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की नियुक्ति में भी गड़बड़ी सामने आई थी। जांच - पड़ताल में खुलासा हुआ था कि, सौरभ शर्मा ने झूठा शपथ पत्र लगाकर नौकरी पाई थी।
दरअसल, सौरभ शर्मा को उसके पिता डॉ. राकेश कुमार शर्मा के निधन के बाअद अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। परिवहन विभाग में नियुक्ति के लिए सौरभ शर्मा के परिजनों ने षड्यंत्र रचा। सौरभ शर्मा का बड़ा भाई छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी करता है यह तथ्य छिपाकर नौकरी पाई गई।
सौरभ शर्मा की मां ने शपथ पत्र में बड़े बेटे के सरकारी नौकरी में होने की बात छिपाई थी। शपथ पत्र में यह कहा गया था कि, बड़ा बेटा अपने परिवार के साथ छत्तीसगढ़ में रहता है और वो सरकारी नौकरी में नहीं है।
छापेमारी के दौरान सौरभ शर्मा से जुड़े कई दस्तावेज जांच एजेंसी के हाथ लगे थे। उन्हीं के आधार पर पता चला है कि, करोड़ों रुपए की काली कमाई करने वाले सौरभ शर्मा की नियुक्ति में भी अनियमितता है। लोकायुक्त, आयकर विभाग और ईडी द्वारा सौरभ शर्मा के खिलाफ जांच की जा रही है। छापेमारी में सौरभ शर्मा के ठिकानों से करोड़ों रुपए की संपत्ति मिली थी।
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