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Thursday, February 20, 2025

फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने वालों पर प्रशासन ने दर्ज करवाई FIR.

  


 प्रथम टुडे जबलपुर:- शहर में पिछले कई दिनों से फर्जी जाति प्रमाण पत्र इस्तेमाल करके लाभ लेने की सूचना जिला प्रशासन को मिल रही थी। जिस पर जिला प्रशासन नजर रखे हुआ था और गुप्त तरीके से इस पूरे राकेट को पता करने के लिए अपने स्तर पर लोगों को लगाया गया था।                            

 कलेक्टर स्वयं कर रही थी मॉनिटरिंग

   सबसे बड़ी बात यह है कि सूत्रों के अनुसार यह सूचना जब  कलेक्टर दीपक सक्सेना तक पहुंची तो उन्होंने स्वयं एक टीम बनाई थी। स्टील का नेतृत्व स्वयं कलेक्टर कर रहे थे और लीड रोल में थे । जिसके लिए उन्होंने 2 अनुविभागीय अधिकारियों को को पूरी जवाबदारी सौंपते हुए इस पूरे गिरोह का पता करने का आदेश दिया था।         

 बेलबाग स्थित एमपी ऑनलाइन से मिली थी लीड      

 रांझी के पहले बेलबाग और कांचघर में मारा था छापा जिसमें दोनों थानों की पुलिस की मदद ली गई थी। बेलबाग स्थित एवं कांच घर स्थित एमपी ऑनलाइन की आड़ में यह पूरा काम चल रहा था। यहां से जप्त पुरे कागजातों की जांच गुप्त तरीके से की गई थी। कांचघर में तो सूत्रों के अनुसार उपयोग में आने वाली अधिकारियों की सील तक जप्त की गई थी।    

   अब बारी थी रांझी लोक सेवा केंद्र के असली संचालक की -  

यह बता दें की इसके पहले जो लोक सेवा केंद्र का ठेका था वह अंकित अग्रवाल का था। लेकिन रांझी लोक सेवा  केंद्र के ठेके की आड़ में दीपक पाठक जो इस केंद्र का ठेकेदार था।इसके द्वारा यह पूरा काला कारनामा किया जा रहा था। इसलिए सूत्रों के अनुसार अभी मनीष पाठक पर भी 

*जांच के दौरान गिर सकती है गाज*-    

  वही यह भी पता चला है कि अभी जो चार नाम सामने आए हैं उसके अलावा रांझी लोक सेवा केंद्र के संचालक दीपक पाठक एवं इसके द्वारा किए जा रहे और कार्यों को भी खंगाला जा रहा है । इसके बाद दीपक पाठक के दलाल जो पूरे कलेक्ट्रेट और रांझी तहसील मैं फैले हैं । इन सभी पर भी गाज गिरना तय है।   

 जांच विषय  

तरुण प्रजापति लोक सवा प्रबंधक के अनुसार सन 2019 से रांझी लोक सेवा केंद्र का ठेका सरोज पाठक के नाम पर है। इस केंद्र का संचालन सरोज पाठक का लड़का दीपक पाठक करता है। प्रश्न उठना है जब फर्जी बाड़ा हुआ उसे समय लोक केंद्र  का संचालन जब दीपक पाठक कर रहा था। तो फिर अंकित अग्रवाल का नाम कैसे आ गया।

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