प्रथम टुडे जबलपुर :-- विकास के तमाम दावों के बीच एक बार फिर जो तशवीरें सामने आई है वो आपको झकझोर देंगी जब एक गर्भवती महिला को रात का अँधेरे में लोगों के कन्धों पर खाट के ऊपर बच्चे को जन्म देना पड़ा। इस मामले में सुखद बात ये है कि माँ और नवजात दोनो मजफूज है। मामला दमोह जिले के कुम्हारी थाना क्षेत्र के डोला गाँव का है यहाँ रहने वाली प्रसूता शारदा अहिरवाल को बीती रात दर्द हुआ उसकी डिलवरी होनी थ
परिजनों ने 108 एम्बुलेंस को कॉल किया और एम्बुलेंस भी पहुंच गई लेकिन महिला और एम्बुलेंस के बीच की दूरी दो किलोमीटर तब भी थी क्योंकि मेन रोड से गावँ तक का दो किलोमीटर का सफ़र एम्बुलेन्स चाह कर भी पूरा नही कर पा रही थी क्योंकि डोला गावँ तक पहुंचने सडक ही नही थी। शारदा दर्द से तड़प रही थी अस्पताल तक जाने एम्बुलेन्स भी खड़ी थी लेकिन सब बेबस थे। इस बीच एम्बुलेन्स के स्टाफ ड्रायवर ने मानवीयता का परिचय दिया ये लोग पैदल ही गावँ तक पहुंचे, पीड़ित महिला को खाट पर लिटाया और जंगली रास्ते से खाट पर लेकर सड़क पर खड़ी एम्बुलेंस तक पहुंचने के लिए चल पड
महिला एम्बुलेंस तक पहुंचती उसके पहले ही रास्ते मे महिला को प्रसव पीड़ा तेज हो गई और महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया। जैसे तैसे खाट पर जन्मे नवजात बच्चे और मां को भरी ठंड में लेकर एम्बुलेन्स तक लाया गया और फिर दोनो को जिला अस्पताल लाया गया जहां महिला को दाखिल कराया गया है। जिला अस्पताल में डाक्टर्स ने दोनो को अपनी देखरेख में रखा है और राहत की बात ये है कि दोनो स्वस्थ्य हैं और फिलहाल खतरे से बाहर हैं। इस पूरे मामले में एम्बुलेंस के स्टाफ की परिवार के लोग और स्थानीय ग्रामीणों ने कृतज्ञता और आभार सहित प्रशंसा की है। लेकिन इस पूरी व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह भी खड़ा हो गया है की गांव तक सड़क होती तो यह परेशानी नहीं होती।
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