पत्रकार संगठनों में आक्रोश, एसपी ने एडिशनल एसपी स्तर की जांच के दिए निर्देश
प्रथम टुडे जबलपुर, 06 नवंबर।
शहर में पत्रकारों पर लगातार हो रहे हमलों की श्रृंखला थमने का नाम नहीं ले रही। ताजा मामला भानतलैया निवासी पत्रकार नील तिवारी पर हमले का है, जिन पर बीते तीन वर्षों में यह चौथा हमला बताया जा रहा है। तिवारी पर आरोप है कि आराधना शुक्ला और उसके पिता ने लोहे की रॉड से उन पर हमला कर सिर में गंभीर चोट पहुंचाई। उन्हें चार टांके लगे हैं।
आश्चर्य की बात यह है कि लगातार हमलों के बावजूद अब तक किसी भी मामले में ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इस बार भी पुलिस ने मामूली धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है, जिससे पत्रकारों में गहरा रोष है।
आज राष्ट्रीय श्रमजीवी पत्रकार परिषद सहित अन्य पत्रकार संगठनों के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में जबलपुर के पुलिस अधीक्षक से मिले। बैठक के दौरान पत्रकारों ने हमलों की बढ़ती घटनाओं और पुलिस के रवैये पर कड़ा विरोध दर्ज कराया।
पत्रकारों की बात सुनने के बाद पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच एडिशनल एसपी स्तर पर कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, उन्होंने कहा कि पत्रकारों और पुलिस के बीच संवाद बढ़ाने के लिए कंट्रोल रूम में एक संयुक्त बैठक शीघ्र आयोजित की जाएगी, जिसमें आपसी समन्वय और सुरक्षा से जुड़े विषयों पर गंभीर चर्चा की जाएगी।
बैठक में राष्ट्रीय संयोजक नलिनकांत वाजपेई, राष्ट्रीय अध्यक्ष परमानंद तिवारी, प्रदेश अध्यक्ष राजेश दुबे, प्रदेश संगठन सचिव विलोक पाठक, प्रदेश प्रवक्ता उमेश शुक्ला, संभागीय अध्यक्ष चंद्रशेखर शर्मा, जिला अध्यक्ष सिमरन शुक्ला, जिला सचिव अनुराग दीक्षित सहित बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित रहे।
अन्य पत्रकारों में एड. विवेक तिवारी, पीयूष बाजपेयी, सोमेंद्र डंग, पीयूष सिंह, शुभम श्रीवास्तव, बी.एल. रजक, अमित पटेल, प्रवीण नामदेव, विजय सोनी, अखिलेश सोनी और हंसराज (हंसु) शामिल रहे।
पत्रकार संगठनों ने एक स्वर में कहा कि “जो लोग समाज को जागरूक करने का काम करते हैं, उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी प्रशासन की है। जब पत्रकार सुरक्षित रहेंगे, तभी सच समाज तक पहुंचेगा।”
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