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Saturday, August 16, 2025

विजयराघवगढ़ विधायक संजय पाठक का उल्टे झंडे को सलामी देता हुआ वीडियो वायरल – प्रथम टुडे वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता

 

प्रथम टुडे जबलपुर

कटनी जिले के विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक एवं पूर्व मंत्री संजय पाठक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आयोजित ध्वजारोहण कार्यक्रम के दौरान विधायक संजय पाठक ने उल्टे झंडे को सलामी दी।

प्रथम टुडे इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन वीडियो में जो दृश्य सामने आए हैं, उसमें संजय पाठक राष्ट्रगीत के दौरान झंडे को सलामी देते हुए दिखाई दे रहे हैं, और सोशल मीडिया यूज़र्स का दावा है कि यह झंडा उल्टा फहराया गया था।

विधायक संजय पाठक वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी से विधायक हैं और पूर्व में मप्र शासन में मंत्री पद पर रह चुके हैं। साथ ही वे एक सफल उद्योगपति के रूप में भी जाने जाते हैं।

यदि यह वीडियो सत्य है, तो यह अत्यंत गंभीर मामला

यदि वायरल हो रहा यह वीडियो तथ्यात्मक रूप से सही है और वाकई में राष्ट्रीय ध्वज को उल्टा फहराया गया था, तो यह न केवल लापरवाही का गंभीर उदाहरण है, बल्कि यह राष्ट्र के सम्मान का भी घोर अपमान है। ऐसे में उस कार्यक्रम की संपूर्ण जिम्मेदारी आयोजकों और संबंधित अधिकारियों की बनती है।

ऐसी स्थिति में अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई किया जाना आवश्यक है, क्योंकि झंडा फहराने से संबंधित दिशा-निर्देश बहुत स्पष्ट हैं, और उनमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाती।

क्या है उल्टा झंडा फहराने का नियम?

भारतीय ध्वज संहिता (Flag Code of India) के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग, प्रदर्शन एवं फहराने के स्पष्ट नियम निर्धारित हैं।

उल्टा झंडा फहराना — यानी तिरंगे के रंगों की अनुक्रमणा का उल्टा होना (हरे रंग की पट्टी ऊपर और केसरिया नीचे होना) — यह सीधे तौर पर राष्ट्रध्वज के अपमान की श्रेणी में आता है।

तिरंगे के सही क्रम:

  • सबसे ऊपर – केसरिया रंग (साहस और बलिदान का प्रतीक)
  • बीच में – सफेद रंग (शांति और सत्य का प्रतीक), जिसमें अशोक चक्र होता है
  • सबसे नीचे – हरा रंग (समृद्धि का प्रतीक)

यदि कोई व्यक्ति या संस्था जानबूझकर या लापरवाहीवश तिरंगे को उल्टा फहराते है, तो यह भारतीय ध्वज संहिता, 2002 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है।

इस अधिनियम के तहत:

  • दोषी पाए जाने पर 3 साल तक की कैद, या
  • जुर्माना, या
  • दोनों हो सकते हैं।

प्रथम टुडे की स्थिति

हम स्पष्ट रूप से यह दोहराना चाहते हैं कि प्रथम टुडे इस वायरल वीडियो की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं करता है। यह रिपोर्ट केवल वायरल हो रही सामग्री, सोशल मीडिया चर्चाओं एवं तिरंगे के सम्मान से जुड़े प्रावधानों के संदर्भ में तैयार की गई है।

हम अपील करते हैं कि प्रशासन इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करे और यदि कोई लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ विधि अनुसार कार्रवाई की जाए।




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