देशभक्ति की लहर में बहा नर्मदा घाट, ऑपरेशन सिंदूर की वीरगाथा ने जोड़ा जोश
जबलपुर | प्रथम टुडे
हर घर तिरंगा अभियान के तहत इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के पूर्व ग्वारीघाट में देशभक्ति की अनूठी मिसाल पेश की गई। रविवार सुबह सैकड़ों देशप्रेमियों ने नर्मदा नदी में 20 किलोमीटर तैरकर तिरंगा यात्रा निकाली। इस विशेष आयोजन की शुरुआत ग्वारीघाट से होकर तिलवारा तक हुई, जहां नदी में तैरते हुए हर व्यक्ति हाथों में तिरंगा लिए हुए नजर आया।
इस अभियान के संस्थापक अशोक ग्रोवर ने बताया कि बीते 20 वर्षों से यह तैरकर तिरंगा यात्रा आयोजित की जा रही है, जिसका उद्देश्य भारत के वीर सैनिकों का मनोबल बढ़ाना और युवाओं में देशभक्ति की भावना जागृत करना है। उन्होंने कहा कि हर साल इसमें बच्चों, महिलाओं और युवाओं की भागीदारी बढ़ती जा रही है, जो इस आयोजन को और भी खास बनाती है।
इस बार की यात्रा और भी ज्यादा उत्साहजनक और ऐतिहासिक रही, क्योंकि हाल ही में भारत द्वारा अंजाम दिए गए "ऑपरेशन सिंदूर" में भारतीय जवानों की वीरता और पराक्रम ने पूरे देश को गर्वित किया है। इस परिप्रेक्ष्य में, भाजपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के संजय यादव ने बताया कि "इस वर्ष तिरंगा यात्रा का महत्व और भी बढ़ गया है। ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सैनिकों ने जिस बहादुरी से पाकिस्तान को जवाब दिया, उसने हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है। इसी भावना को सम्मान देने के लिए इस बार और अधिक लोग इस यात्रा में शामिल हुए हैं।"
नर्मदा नदी में तैरकर निकाली गई इस तिरंगा यात्रा को देखने के लिए घाटों पर सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे। "भारत माता की जय", "वंदे मातरम्" के नारों से घाट गूंज उठा। लोग तैराकों का उत्साहवर्धन करते रहे और इस आयोजन को एक जन आंदोलन की तरह देखा गया।
देशभक्ति, साहस और आस्था का संगम बनी यह तैरती हुई तिरंगा यात्रा न केवल युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत रही, बल्कि यह संदेश भी दे गई कि देश के प्रति प्रेम सिर्फ मंचों और भाषणों से नहीं, बल्कि कर्म और समर्पण से भी जताया जाता है।
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