प्रथम टुडे बलपुर:
जबलपुर (मध्यप्रदेश) – जबलपुर जिले के सिहोरा तहसील अंतर्गत खितौला थाना क्षेत्र में स्थित इसाफ स्मॉल फाइनेंस बैंक में हुई करीब 15 करोड़ रुपये की डकैती के आरोपियों का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। डकैती की इस बड़ी वारदात ने पुलिस महकमे को हिला कर रख दिया है, और इसके पीछे कुख्यात बिहार गैंग का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। इस गैंग का सरगना सुबोध सिंह वर्तमान में बिहार की जेल में बंद है, लेकिन वहीं से वह घटनाओं की प्लानिंग करता है।
घटना का पूरा विवरण
घटना सोमवार। सुबह 8:50 बजे की है, जब तीन युवक हेलमेट पहनकर इसाफ स्मॉल फाइनेंस बैंक की शाखा में दाखिल हुए। बैंक में उस समय केवल चार कर्मचारी मौजूद थे। युवकों ने पिस्टल की नोक पर बैंक स्टाफ को धमकाते हुए लॉकर से लगभग 15 किलो सोना और 5 लाख रुपये नकद लूट लिए।
तीनों आरोपी अंदर डकैती को अंजाम दे रहे थे, जबकि उनके दो साथी बाहर मोटरसाइकिल पर उनका इंतजार कर रहे थे। करीब 20 मिनट में यह पूरी वारदात की गई और सभी पांचों आरोपी बाइक से फरार हो गए।
पुलिस की कार्रवाई
- 20 से अधिक पुलिस टीमें इस मामले की जांच में लगाई गई हैं।
- आरोपियों के भागने वाले रूट पर लगे CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है।
- जिले की सीमाओं पर नाकाबंदी कर दी गई है।
- जोन के पुलिस महानिरीक्षक प्रमोद वर्मा ने घटनास्थल का निरीक्षण कर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
फुटेज की जांच में पता चला है कि आरोपी हाईवे से मझौली-इंद्राना रोड की ओर भागे और इंद्राना गांव में जाकर कपड़े बदले। उसके बाद से उनका कोई सुराग नहीं मिला है।
बिहार गैंग पर शक क्यों?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, वारदात का तरीका यह दर्शाता है कि यह घटना बिहार के कुख्यात डकैत गिरोह की हो सकती है।
- इस गैंग का सरगना सुबोध सिंह है, जो फिलहाल जेल में बंद है लेकिन वहीं से घटनाओं की योजना बनाता है।
- सुबोध के गिरोह में 200 से अधिक सदस्य हैं और वे पूरे देश में फैले हैं।
- गिरोह के सदस्य बैंक की रेकी करते हैं और सीमावर्ती क्षेत्रों में फर्जी दस्तावेजों पर मकान किराए से लेकर रहना शुरू करते हैं।
- हर सदस्य को अलग-अलग भूमिका दी जाती है — कई सदस्य एक-दूसरे को जानते तक नहीं, ताकि पकड़े जाने पर भी गैंग का पूरा नेटवर्क उजागर न हो।
गिरोह अब तक देशभर में करीब 400 किलो सोने की डकैतियों को अंजाम दे चुका है, जिसमें से 70% घटनाओं में इसी गैंग का नाम सामने आया है। इनकी गतिविधियां मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखंड, चेन्नई, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश और बिहार तक फैली हुई हैं।
कटनी में हुई थी इसी तरह की लूट
कटनी जिले में भी 2022 में एक गोल्ड लोन कंपनी में लूट की घटना को इसी गैंग ने अंजाम दिया था। वहां से गिरफ्तार आरोपियों ने बताया था कि वे बिहार से भेजे गए थे और उनकी ट्रेनिंग पहले ही हो चुकी थी। इस घटना के दौरान भी लुटेरे मकान किराए पर लेकर महीनों तक रेकी करते रहे थे।
पुलिस के लिए चुनौती
जबलपुर के खितौला में हुई यह डकैती न केवल पुलिस के लिए चुनौती है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करती है कि किस तरह संगठित अपराध गिरोह तकनीकी और रणनीति दोनों का इस्तेमाल करके बड़े पैमाने पर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। फिलहाल पुलिस की टीमें सभी सुरागों पर काम कर रही हैं, लेकिन अभी तक कोई पुख्ता सफलता हाथ नहीं लगी है।
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