प्रथम टुडे मैहर (सतना)।
मां शारदा देवी मंदिर में गैर-हिंदू कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर विवाद बढ़ गया है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने इस मुद्दे पर कड़ा ऐतराज जताते हुए प्रशासन को 7 दिन के भीतर कार्रवाई का अल्टीमेटम दिया है। संगठनों का कहना है कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे बड़े आंदोलन की राह अपनाएंगे।
ज्ञापन सौंपकर जताया विरोध
विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को मैहर कलेक्टर के नाम अपर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि मैहर का मां शारदा मंदिर हिंदू आस्था का प्रमुख केंद्र है, जहाँ प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर की गरिमा बनाए रखना प्रशासन और प्रबंधन की जिम्मेदारी है।
कर्मचारियों के नामों का उल्लेख
संगठन ने मंदिर समिति और देवीजी रोपवे में कार्यरत कुछ मुस्लिम कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर आपत्ति जताई है। ज्ञापन में रोपवे मैनेजर असरफ अली सहित आबिद खान और अयूब खान के नामों का उल्लेख किया गया है। विहिप का कहना है कि यह नियुक्तियां धार्मिक परंपराओं के विरुद्ध हैं।
पुराने आदेश का हवाला
विहिप ने दावा किया है कि वर्ष 2023 में धर्मस्व विभाग ने आदेश जारी कर गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाने के निर्देश दिए थे, लेकिन आज तक उसका पालन नहीं हुआ। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि सात दिन के भीतर इन कर्मचारियों को हटाया नहीं गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
प्रशासन ने कहा- जांच की जाएगी
इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि ज्ञापन प्राप्त हो गया है और शिकायत की जांच की जाएगी। कर्मचारियों की नियुक्ति नियमों के अनुरूप हुई है या नहीं, यह भी देखा जाएगा।

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