प्रतिनिधि, प्रथम टुडे | जबलपुर
मदन महल थाना क्षेत्र में स्थित एक प्रतिष्ठित कार डीलर कंपनी से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। जांच में सामने आया है कि इस फर्जीवाड़े की मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि कंपनी में कार्यरत नसीम बानो उर्फ मुस्कान थी, जिसने अपने पति शोएब के साथ मिलकर बड़ी साजिश को अंजाम दिया। आरोपियों ने लगभग 1 करोड़ रुपये की रकम अपने और करीब आधा सैकड़ा रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर की थी।
कंपनी की रकम रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर
मामले की रिपोर्ट कंपनी के मालिक महेश केमतानी ने दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। शुरुआती जांच में शुभ मोटर्स के अकाउंट सेक्शन से जुड़े संदीप कुमार मिश्रा (निवासी-धनवंतरी नगर), नसीम बानो उर्फ मुस्कान (निवासी-गंगा नगर), और नेहा विश्वकर्मा (निवासी-गौरीघाट रोड) की संलिप्तता उजागर हुई। इन सभी पर कंपनी के बैंक खातों से विभिन्न फर्जी खातों में बड़ी रकम ट्रांसफर करने के आरोप हैं।
इतना ही नहीं, धोखाधड़ी को छिपाने के लिए कंपनी के सॉफ्टवेयर में एक अन्य कर्मचारी की आईडी का उपयोग कर फर्जी एंट्री भी की गई थी, ताकि वास्तविक गड़बड़ी की जानकारी सामने न आ सके।
कई आरोपी गिरफ्तार, कुछ अब भी फरार
पुलिस ने जांच के आधार पर नसीम बानो, उसके पति शोएब, मां बानो बेगम और कर्मचारी संदीप मिश्रा को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है। वहीं, नसीम बानो के करीबी शहबाज, मोहम्मद इमरान और एक अन्य आरोपी अब भी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस की विशेष टीमें दबिश दे रही हैं।
परिवार के नाम पर भी पहुंचाई रकम, मकान निर्माण का भी खुलासा
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि गबन की गई राशि सिर्फ रिश्तेदारों तक ही सीमित नहीं रही। आरोपियों ने अपने सास-ससुर के खातों में भी रकम ट्रांसफर की और इस अवैध धन से एक मकान का निर्माण भी कराया गया। फंड ट्रांसफर की श्रृंखला में 50 से अधिक बैंक खातों के माध्यम से रकम भेजने की जानकारी सामने आ रही है, जो पूरे घटनाक्रम को एक सुनियोजित और गहरी साजिश में तब्दील करता है।
जांच जारी, और भी खुलासे संभव
पुलिस सूत्रों का मानना है कि यह मामला अब और अधिक जटिल होता जा रहा है और आने वाले दिनों में कुछ और चौंकाने वाले नाम और तथ्य उजागर हो सकते हैं। फिलहाल पुलिस फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयासों में जुटी है, वहीं आर्थिक अपराध शाखा से भी तकनीकी सहायता ली जा रही है।

No comments:
Post a Comment