21 जुलाई सावन के दूसरे सोमवार को निकलेगी प्रदेश की सबसे बड़ी संस्कार कांवड़ यात्रा
प्रथम टुडे जबलपुर।
श्रावण मास के दूसरे सोमवार को संस्कारधानी जबलपुर की सड़कों पर आस्था की बयार बह रही थी। भैया जी सरकार के आशीर्वाद और संयोजक निलेश रावल व शिव यादव की मेहनत से प्रदेश की सबसे बड़ी कावड़ यात्रा ग्वारीघाट से कैलाश धाम मटामर के लिए निकली। 14 साल पहले शुरू हुई यह यात्रा अब प्रदेश की नंबर वन कावड़ यात्रा बन चुकी है।
कांवड़ियों का जनसैलाब, 35 किलोमीटर का सफर
सुबह से लाखों कांवड़िया कंधों पर नर्मदा जल लेकर 35 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा पर निकले। यात्रा का प्रारंभ ग्वारीघाट से हुआ और समापन खमरिया स्थित कैलाश धाम मटामर में होगा। हर साल सावन के दूसरे सोमवार को होने वाली यह यात्रा अब आस्था का सबसे बड़ा पर्व बन चुकी है।
हर कांवड़ में पौधा: पर्यावरण का संदेश
यात्रा की सबसे खास बात यह है कि हर कांवड़िया एक कांवड़ में नर्मदा जल और दूसरी में पौधा रखता है। कैलाश धाम पहुंचकर इन पौधों का वृक्षारोपण किया जाता है। इसी प्रयास से कैलाश धाम की पहाड़ी और देवताल अब हरियाली से भर चुकी हैं।
छोटी शुरुआत से प्रदेश की सबसे बड़ी यात्रा तक
जब शुरुआत हुई थी, तब महज 100-150 कांवड़िए शामिल होते थे। निलेश रावल और शिव यादव की समर्पित टीम ने इसे बढ़ाते-बढ़ाते इतना विशाल बना दिया कि अब यह प्रदेश की नंबर वन कावड़ यात्रा कही जाती है।
भैया जी सरकार का आशीर्वाद और संतों की अगुवाई
इस यात्रा की आत्मा हैं भैया जी सरकार, जिनके नेतृत्व में श्रद्धालु अपनी भक्ति का प्रदर्शन करते हैं। उनकी प्रेरणा और दिशा-निर्देश से यह यात्रा अनुशासन और भव्यता का उदाहरण बनी हुई है।
स्वागत मंचों से लेकर सेवा तक का इंतजाम
पूरे मार्ग पर जगह-जगह स्वागत मंच लगे हैं, जहां संस्थाएं, व्यापारी वर्ग और समाजसेवी कांवड़ियों को पानी, फल और ग्लूकोज उपलब्ध कराते हैं। इससे यात्रा के दौरान किसी को कोई असुविधा न हो।
वहीं प्रशासन की व्यवस्था भी स्वस्थ दुरुस्त रहती है
इस पूरी याद कावड़ यात्रा में जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के साथ नगर निगम प्रशासन भी पूरी तरह सजग और मस्टर्ड रहता है, पुलिस प्रशासन की व्यवस्था सुरक्षा के साथ-साथ यातायात में किसी प्रकार की कांवरियों को दिक्कत ना हो इसका ध्यान रखा जाता है, तो वही जिला के अधिकारी यात्रा पर नजर रखते हैं नगर निगम प्रशासन सफाई व्यवस्थाओं पर पूरा ध्यान देता है

No comments:
Post a Comment