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Sunday, June 15, 2025

समधी से बदला लेने रिटायर्ड थाना प्रभारी ने की निर्दोष की हत्या, शव खेत में फेंका; पुलिस खुलासे से चौंके लोग

 






 प्रथम टुडे नरसिंहपुर, मध्यप्रदेश जिले के करेली थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाला हत्याकांड सामने आया है, जिसमें रिटायर्ड थाना प्रभारी ने अपने समधी से रंजिश के चलते एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या कर दी। आरोपी ने शव को समधी के खेत में फेंक कर उन्हें फंसाने की साजिश रची थी। जब पुलिस ने गहन जांच की तो मामले का खुलासा हुआ, जिससे हर कोई हैरान रह गया।

 खेत में मिला शव, मर्डर की आशंका

घटना की शुरुआत करेली थाना अंतर्गत खिरिया गांव में हुई, जहां ग्रामीणों ने अमोल सिंह झारिया के खेत में एक अज्ञात शव देखा। खेत के कोने में मकान के बाहर पड़ा शव और आसपास खून व संघर्ष के निशान मिलने के बाद ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। थाना प्रभारी प्रियंका केवट टीम सहित मौके पर पहुंचीं और शव को कब्जे में लेकर मर्ग क्रमांक दर्ज किया गया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि

शव की पहचान पहले नहीं हो सकी थी, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि मृतक की हत्या किसी धारदार हथियार से की गई है। पुलिस ने मृतक की तस्वीर और कपड़ों के आधार पर आसपास के इलाकों में पहचान के प्रयास तेज किए। कुछ ही दिनों में शव की पहचान नारायण काछी (निवासी खमरिया) के रूप में हुई। नारायण एक गरीब मजदूर था, जो रेलवे स्टेशन के पास मजदूरी करता और वहीं रहता था।

 नारायण की हत्या क्यों? पुलिस को नहीं मिला कोई निजी दुश्मन

नारायण की किसी से कोई रंजिश नहीं थी, जिससे मामला और पेचीदा हो गया। पुलिस ने इसे साजिश के तौर पर देखा और जांच की दिशा बदली। कॉल डिटेल खंगाली गईं, और नारायण को आखिरी बार बसंत वंशकार नामक व्यक्ति के साथ देखा गया था।

 बसंत ने कबूला जुर्म, पीछे निकला रिटायर्ड थाना प्रभारी का षड्यंत्र

पुलिस ने बसंत को हिरासत में लेकर जब कड़ाई से पूछताछ की, तो उसने चौंकाने वाला खुलासा किया। बसंत ने बताया कि वह यह हत्या अपने मन से नहीं कर रहा था, बल्कि उसे उकसाया गया था। इस पूरे षड्यंत्र का मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि रिटायर्ड थाना प्रभारी शंकर लाल झारिया था।

घरेलू विवाद बना हत्या की वजह

पुलिस के अनुसार, शंकर लाल झारिया अपने बेटे-बहू के विवाद को लेकर अपने समधी अमोल सिंह झारिया से नाराज था। जब बेटा-बहू अलग होने के बाद दोबारा साथ रहने लगे, तो शंकर लाल और भड़क गया। इसी रंजिश में उसने समधी को फंसाने की साजिश रची और बसंत को इस योजना में शामिल किया।

 50 हजार और शादी का लालच देकर बसंत को उकसाया

बसंत ने बताया कि शंकर लाल ने उसे 50 हजार रुपये और अपनी बेटी से शादी का झांसा देकर हत्या के लिए तैयार किया। नारायण जैसे सीधेसाधे मजदूर को निशाना बनाया गया। बसंत ने पहले उसे शराब पिलाई और फिर नशे में लोहे की रॉड से हमला कर हत्या कर दी। बाद में शव को समधी के खेत में फेंक दिया गया।

 महिला थाना प्रभारी की सूझबूझ से खुला राज

इस पूरी जघन्य वारदात की परतें खोलने में थाना प्रभारी प्रियंका केवट और उनकी टीम की तकनीकी समझ और टीमवर्क की सराहना की जा रही है। एसपी मृगांखी डेका ने प्रेस वार्ता कर हत्याकांड का खुलासा किया और बताया कि दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

 पुलिस टीम की मेहनत से हुआ खुलासा

इस केस की जांच में थाना प्रभारी के साथ उप निरीक्षक विजय ध्रुवे, आरक्षक रोहित पटेल, प्रधान आरक्षक अनुराग कौरव, राजेंद्र पटेल, सुदीप बागरी और राजेश बागरी की विशेष भूमिका रही।

अब भी कई सवाल?

हालांकि पुलिस ने हत्या के मुख्य आरोपियों को पकड़ लिया है, लेकिन जांच अभी जारी है। पुलिस यह भी जानने का प्रयास कर रही है कि क्या इस साजिश में और लोग शामिल थे या क्या शंकर लाल ने पहले भी किसी को धमकाया था।



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