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Sunday, June 15, 2025

टाइगर सफारी के साथ पर्यटकों का मन बहलाएंगी विविध गतिविधियां

 

कान्हा टाइगर रिजर्व में एमपी टूरिज्म बोर्ड की दो दिवसीय कार्यशाला शुरू, बफर जोन में पर्यटन बढ़ाने पर हुई चर्चा 

 प्रथम टुडे जबलपुर  :- कान्हा टाइगर रिजर्व में अब टाइगर सफारी के साथ-साथ पर्यटकों के लिए और भी कई आकर्षक गतिविधियां उपलब्ध होंगी। एमपी टूरिज्म बोर्ड द्वारा पर्यटकों को वर्षा ऋतु में भी आकर्षित करने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देने के उद्देश्य से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। यह कार्यशाला मोचा स्थित एमपीटी के बघीरा रिजॉर्ट में शुरू हुई।

पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव एवं एमपीटीबी के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ल के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यशाला में 'वाइल्ड लाइफ हैबिटेट में सस्टेनेबल ट्रैकिंग प्रैक्टिस', 'एडवेंचर एक्टिविटीज इंश्योरेंस', 'वेलनेस टूरिज्म', 'स्काई गेजिंग', 'साइकिल सफारी' जैसे विषयों पर गहन चर्चा की गई।

कार्यशाला का उद्घाटन जिला पंचायत मंडला के सीईओ श्रेयांश कोमट, बफर जोन की उप संचालक अमिता के, एमपीटीबी के साहसिक खेल विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. एस. के. श्रीवास्तव, बिछिया की एसडीएम सोनाली देव, यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक के अधिकारी रविशंकर और होटल-लॉज संघ, कान्हा के अध्यक्ष तरुण भाटी ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया

स्थानीय संस्कृति और साहसिक पर्यटन पर जोर

बिछिया की एसडीएम सोनाली देव ने कहा कि मंडला की आदिवासी संस्कृति और साहसिक खेल यहां के पर्यटन की रीढ़ बन सकते हैं। उप संचालक अमिता के ने इको टूरिज्म और रिस्पांसिबल टूरिज्म पर प्रेजेंटेशन देते हुए बताया कि पर्यटन स्थानीय लोगों की आय बढ़ा सकता है।

जिला पंचायत सीईओ ने अपने प्रजेंटेशन में महिष्मति घाट की पंच चौकी महाआरती और चौगान मढिया जैसे स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया।

मंडला में विकसित होगा पंचारण्य

एमपीटीबी के डॉ. एस. के. श्रीवास्तव ने बताया कि टूरिज्म बोर्ड मंडला में 'पंचारण्य' विकसित करने की योजना बना रहा है, जिसके लिए दो एकड़ भूमि ली जा रही है। इसका उद्देश्य लोक संस्कृति और स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करना है।

उन्होंने बताया कि पचमढ़ी को ग्लोबल सस्टेनेबल टूरिज्म काउंसिल द्वारा ‘ग्रीन डेस्टिनेशन’ के रूप में मान्यता दी गई है। साथ ही धार-कुच्छी से स्टैचू ऑफ यूनिटी तक क्रूज सेवा भी जल्द शुरू होगी।

डॉ. श्रीवास्तव ने झील महोत्सव और स्काई डाइविंग जैसे साहसिक आयोजन भी गिनाए और बताया कि बरगी बांध में एडवेंचर स्पोर्ट्स शुरू करने के लिए जबलपुर के स्पोर्ट्स स्टूडियो को लाइसेंस प्रदान किया गया है।

फिल्म, डॉक्यूमेंट्री और ट्रैकिंग का भी हुआ जिक्र

कार्यशाला में भोपाल से आए फिल्म निर्माता निशांत कपूर ने वाइल्डलाइफ को फिल्मों के माध्यम से प्रस्तुत करने के महत्व पर बात की। वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर फरहान खान की डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई।

इसके अलावा इंडिया हाइक्स के प्रमुख नीतेश कुमार जे ने बताया कि उनके ट्रैकिंग ग्रुप में हर सदस्य सफर के दौरान कचरा एकत्र करने के लिए बैग साथ रखता है — जिससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलता है।

साझेदारों ने रखे अपने विचार

एडवेंचर इंश्योरेंस कंपनी ASC-360 की प्रमुख पूजा सिंघल, साइकिल सफारी के आयोजक रोहित त्रिवेदी और सायरन्स स्पोर्ट्स के राहुल शर्मा ने भी अपने अनुभव साझा किए। इस अवसर पर एमपीटीबी के सलाहकार के के सिंह, परियोजना अधिकारी अवनीश यादव, जबलपुर और बालाघाट के पर्यटन प्रबंधक भी उपस्थित रहे।

कार्यशाला के दौरान “बफर में सफर” विषय पर परिचर्चा हुई और प्रतिभागियों ने मोचा स्थित बैगा आर्ट गैलरी का भ्रमण कर बैगा नृत्य का आनंद लिया।


जल्द शुरू होगी जबलपुर से कान्हा के लिए हेलीकॉप्टर सेवा

डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि पर्यटकों को कान्हा नेशनल पार्क तक जल्दी पहुंचाने के लिए एमपी टूरिज्म बोर्ड जबलपुर से कान्हा तक हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने की योजना बना रहा है। इसके लिए मोचा या खटिया गेट के पास हेलिपैड का निर्माण किया जाएगा।


पर्यटकों की भ्रांति दूर करने उठी मांग, बदले खटिया गेट का नाम

कार्यशाला में शामिल होटल और रिजॉर्ट संचालकों ने सुझाव दिया कि खटिया गेट का नाम बदला जाए। उनका कहना था कि कई पर्यटकों को भ्रम होता है कि इस गेट से प्रवेश पर बाघ नहीं दिखते, जबकि असल में यहां भी सफारी और वन्यजीव दर्शन की पूरी व्यवस्था है।



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