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Tuesday, June 3, 2025

खाकी वर्दी पर लगा रिश्वत का दाग


ओमती थाने के आरक्षक नितेश शुक्ला


लोकायुक्त के जाल में रंगे हाथ गिरफ्त

ज[2/6, 19:47] Anurag Dixit: 

 प्रथम टुडे जबलपुर :-- जबलपुर में पुलिस महकमे की छवि एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है, जब ओमती थाने में तैनात आरक्षक नितेश शुक्ला को लोकायुक्त की टीम ने 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। यह कार्रवाई सोमवार, 2 जून को की गई और इसके बाद से पुलिस विभाग की निष्पक्षता और जवाबदेही को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।

25 हजार से शुरू हुआ सौदा, 5 हजार पर जाकर रुका

बाइक छुड़वाने की एवज में मांगी गई रिश्वत

शिकायतकर्ता शिवम ने जब पुलिस को धोखाधड़ी की शिकायत दी, तो न केवल उसे गंभीरता से नहीं लिया गया, बल्कि उसे उल्टे प्रताड़ना का सामना करना पड़ा। शिवम ने बताया कि उनकी बाइक – जो उनके मित्र की थी – को पुलिस ने जब्त कर लिया और उसे छुड़वाने के लिए पहले 25 हजार रुपए की मांग की गई। काफी मिन्नतों के बाद यह राशि घटकर 5 हजार पर आकर रुकी, लेकिन रिश्वत की मांग बनी रही।

शिकायत दर्ज कराने गया, उल्टा धमकियों का शिकार बना

सब-इंस्पेक्टर ने दी झूठे केस में फंसाने की चेतावनी

शिवम ने 27 मार्च को धोखाधड़ी की शिकायत ओमती थाने में दी, लेकिन वहां से उसे गोमती चौकी भेज दिया गया। वहां आरक्षक नितेश शुक्ला ने शिकायत में 'कमियां' निकाल दीं। अगली बार जब शिवम संशोधित शिकायत लेकर पहुंचा, तो सब-इंस्पेक्टर शिवगोपाल गुप्ता ने भी बहाना बनाते हुए मामला टाल दिया। तीसरे दिन जब वह पूरी तैयारी के साथ फिर पहुंचा, तो उसे डराया-धमकाया गया कि यदि वह 25 हजार रुपए नहीं देगा, तो उसे नकली जेवर गिरवी रखने के आरोप में झूठे केस में फंसा दिया जाएगा।

लोकायुक्त की कार्रवाई से खुली भ्रष्टाचार की पोल

विशेष टीम ने रिश्वत लेते ही दबोचा आरोपी आरक्षक को

लगातार हो रही मानसिक प्रताड़ना और रिश्वत की मांग से तंग आकर शिवम ने लोकायुक्त पुलिस की शरण ली। डीएसपी सुरेखा परमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। योजना के तहत जैसे ही शिवम ने 5 हजार रुपए आरक्षक नितेश शुक्ला को सौंपे, लोकायुक्त की टीम ने मौके पर पहुंचकर आरोपी को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज

सब-इंस्पेक्टर की भूमिका पर भी उठे सवाल

लोकायुक्त पुलिस ने आरक्षक नितेश शुक्ला के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध कर लिया है। वहीं, पूरे घटनाक्रम में सब-इंस्पेक्टर शिवगोपाल गुप्ता की भूमिका को लेकर भी संदेह जताया गया है। फिलहाल उनकी भूमिका की जांच जारी है और यदि उनकी संलिप्तता पाई जाती है, तो उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई तय मानी जा रही है।


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