प्रथम टुडे जबलपुर :-- सुकमा/रायपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों द्वारा किए गए प्रेशर बम विस्फोट में कोंटा क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) आकाश राव गिरीपुंजे गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उपचार के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। घटना में अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं, जिनकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।
यह दर्दनाक हादसा उस समय हुआ जब एएसपी गिरीपुंजे पुलिस बल के साथ नक्सलियों द्वारा 10 जून को घोषित बंद के मद्देनज़र सर्च ऑपरेशन पर निकले थे। गश्ती दल जैसे ही कोंटा-एर्राबोरा मार्ग पर डोंड्रा गांव के समीप पहुंचा, तभी नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर बम में भीषण विस्फोट हो गया। विस्फोट की चपेट में आकर गिरीपुंजे और उनके साथ मौजूद अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए।
बहादुर थे एएसपी गिरीपुंजे
आकाश राव गिरीपुंजे 2013 बैच के राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी थे और अपनी बहादुरी के लिए पूर्व में वीरता पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके थे। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में उनकी कार्यशैली, प्रतिबद्धता और नेतृत्व क्षमता को लेकर वे पुलिस विभाग में अत्यंत सम्मानित अधिकारी माने जाते थे।
राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने दी श्रद्धांजलि
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, जो गृह विभाग का प्रभार भी संभालते हैं, ने नागपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “गिरीपुंजे सच्चे देशभक्त और बहादुर अधिकारी थे। उनकी शहादत को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा। सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि हम किसी भी प्रकार की हिंसा नहीं चाहते, लेकिन यदि नक्सली मुख्यधारा में शामिल होकर विकास में सहयोग करें, तो शांति संभव है।”
नक्सलियों की तलाश तेज
घटना के बाद क्षेत्र में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है और नक्सलियों के खिलाफ व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। सुरक्षा एजेंसियों को अंदेशा है कि आगामी दिनों में बंद और हमलों की आशंका के मद्देनज़र क्षेत्र में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।
संकल्प और शोक
पूरा राज्य इस दुखद घटना से स्तब्ध है। एएसपी गिरीपुंजे की शहादत पुलिस बल के साहस और बलिदान की एक और मिसाल बन गई है। वे न सिर्फ एक अधिकारी थे, बल्कि सुकमा जैसे संवेदनशील इलाके में शांति बहाल करने की जंग में सबसे आगे खड़े सिपाही थे।
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