Update [8/4, 01:07] Anurag Dixit: news pattham today
प्रथम टुडे MP:-- दमोह: असली नाम, नरेंद्र विक्रमादित्य यादव। फर्जी नाम डॉ. एन जॉन कैम। पहचान, भूरे बाल, बड़े नेताओं के साथ फोटो। काम- नकली कॉर्डियोलॉजिस्ट बनकर हार्ट सर्जरी यानी दिल का ऑपरेशन। नतीजा- दमोह में 7 लोगों की मौत। पहले भी कई हत्या कर चुके इस फर्जी डॉक्टर ने दुनिया के विख्यात कार्डियोलॉजिस्ट प्रोफेसर जॉन कैम से मिलते-जुलते नाम से सोशल मीडिया अकाउंट और फर्जी कंपनी भी बनाई। ओरिजिनल प्रोफेसर जॉन कैम दिल के बड़े डॉक्टर हैं और यूरोप के अलावा अमेरिका के कई संस्थाओं के फैलो हैं। विक्रमादित्य यादव ने उनके नाम के आगे एन. जोड़कर कई सालों तक जानलेवा खेल खेलता रहा। इस ठग ने भौकाल बनाने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के साथ फोटोशॉप तस्वीरें भी बनवाईं। सोशल मीडिया में अब ये तस्वीरें वायरल हो रही
15 लोगों के किए थे ऑपरेशन बचे हुए लोग तकलीफ होने भाग गये
बताया जाता है कि नकली डॉक्टर जॉन कैम ने मिशन हॉस्पिटल में 15 लोगों के दिल का ऑपरेशन किया। गनीमत यह रही कि अन्य लोग दिक्कत आने पर दूसरे अस्पताल में सही समय पर पहुंच गए। नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ डॉ. एन जॉन कैम बड़ा शातिर है। वह किसी शहर में ज्यादा दिन टिकता नहीं था। वह शहर के सबसे लग्जरी हॉस्पिटल में रहता था। वह दवाई लिखने के लिए कोई प्रिस्क्रिप्शन भी नहीं देता था। सादे कागज पर ही उसने दवा लिखकर अपना धंधा चमकाता रहा। हद तो यह है कि मेडिकल स्टोर वाले भी सादे कागज पर लिखी दवाई मरीजों को देते रहे। उसकी इस हरकत से कई बीमारों को शक हुआ और सभी ने फर्जी डॉक्टर से ऑपरेशन कराने से इनकार कर दिया। अगर लोग नहीं जाते तो मौतों की तादाद सात से ज्यादा होती
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार दमोह के एक मिशनरी अस्पताल में फर्जी डॉक्टर मामले में सख्त कार्रवाई करेगी। डॉक्टर पर सात मरीजों की मौत का आरोप है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ऐसे मामलों में कार्रवाई करने में कोई देरी नहीं करेगी और निर्देश दिया कि अगर राज्य में ऐसा कोई और मामला है,तो स्वास्थ्य विभाग को उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
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