Update [10/4, 08:46] Anurag Dixit:pratham today
प्रथम टुडे जबलपुर:-- तहव्वुर राणा ने भारत आने से बचने के लिए एक याचिका दायर की थी. उसने अपनी याचिका में खुद को पार्किंसन बीमारी से पीड़ित बताते हुए कहा था कि यदि भारत डिपोर्ट किया गया तो उसे प्रताड़ित किया जा सकता है. लेकिन उसकी हर चाल फेल हुई. भारत की कूटनीति के चलते मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड अब अपने गुनाहों का हिसाब देने आ रहा है. ऐसे में आइए मोदी सरकार के उन 5 कदमों के बारे में जानते हैं, जिसकी वजह से अमेरिका ने उसको भारत वे हवाले कर दिया.
26 /11 का वह आतंकी हमला जिसमें मुंबई में 175 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी, आज उसे हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा उसे लेकर सबसे पहले आज कोर्ट में पेश करके एन आई ऐ की टीम कोर्ट में और रिमांड पर लेकर और पूछताछ करने के बाद होगा इसका हिसाब डेविड हार्डली को इसी तहव्वुर राणा ने भारत में मैं आकर रैकी की और भारत की धरती पर सबसे बड़ा आतंकी हमला करवाया, लेकिन अब इसका हिसाब होगा भारत में अभी तक यह अमेरिका में रहकर और अन्य देशों में रहकर बचता रहा लेकिन ट्रंप के बनते ही राष्ट्रपति ही भारत को इस आतंकी को भारत को सौंपने का रास्ता साफ हो गया था और आज वह दिन आ गया जब 26 11 में मारे गए 175 लोगों का इस आतंकी का हिसाब भारत में होगा
उसने साजिश रची और मुंबई आतंकवादी हमलों में मारे गए थे 175 लोग
26 नवंबर 2008 ये वो तारीख है, जिसे मुंबई और पूरा देश, जिंदगी भर नहीं भूल सकता है. आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई पर खौफनाक हमले किए. ताज होटल से लेकर होटल ट्राइडेंट तक, नरीमन हाउस से लेकर सीएसटी रेलवे स्टेशन तक आतंकी अजमल कसाब समेत 10 आतंकियों ने मुंबई के लहूलुहान कर दिया. कई जांबाज अफसर शहीद हो गए. ये हमले चार दिनों तक चले. इन हमलों में कुल 175 लोग मारे गए, जिनमें 9 हमलावर भी शामिल थे. 300 से ज़्यादा लोग घायल हुए.
हाफिज सईद ने रची मुंबई में आतंकी हमले की साजिश
हाफिज सईद का मानना था कि यदि अमेरिकी मूल का दाऊद गिलानी अपना नाम डेविड कोलमैन हेडली रख लेगा और भारत जाकर आतंकवादी हमला करने की योजना बनाएगा तो उस पर किसी को शक नहीं होगा. ये बात 20 साल पुरानी है, जब 2005 में हेडली को भारत पर हमला करने के लिए लश्कर ने ट्रेनिंग दी थी. डेविड हेडली भारत पर हमला करने के लिए यहां आकर रेकी करना चाहता था. उसे डर था कि यदि वो रेकी के लिए कई बार भारत आया तो उस सुरक्ष एजेंसियों को शक होगा. ऐसे में उसने तहव्वुर राणा से संपर्क किया.
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