Update [15/4, 18:02] Anurag Dixit: pratham today
प्रथम टुडे जबलपुर:-- मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी आरक्षण से जुड़े मामले में राज्य सरकार को निर्देशित किया है कि भर्ती प्रकिया पूरी होने के बाद भी 13 प्रतिशत पद खाली रखें. चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने ओबीसी आरक्षण मामले पर सुनवाई के दौरान निर्देशित किया कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक 13 प्रतिशत पद होल्ड रखे जाएं. बाकि अन्य 87 प्रतिशत पदों पर भर्ती जारी रखें. इस याचिका पर अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होग
फैसला आने का करना होगा इंतजा
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को यह निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट से ओबीसी को 27% आरक्षण देने पर अंतिम फैसला नहीं आता, तब तक सरकार इन पदों को कैरी फॉरवर्ड नहीं करेगीॉ. यह अंतरिम आदेश शिक्षक भर्ती समेत अन्य लोक सेवा भर्तियों पर लागू होगा.
13 प्रतिशत पद होल्ड
आरक्षण को लेकर सुनवाई में राज्य सरकार ने दलील दिया कि ओबीसी आरक्षण से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. राज्य की तरफ से पेश की गई अंडरटेकिंग में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट अंतिम फैसला नहीं आने तक सभी भर्तियों में 13 प्रतिशत पदों को होल्ड रखा जाएगा.
होल्ड पदों पर शुरू करनी चाहिए नियुक्ति की प्रकिया
दरअसल, याचिकाकर्ता के वकील ने पक्ष रखते हुए युगलपीठ को बताया कि "पूर्व में हाईकोर्ट ने उस याचिका को निरस्त कर दिया है, जिसमें ओबीसी के 13 प्रतिशत पद होल्ड करने के आदेश दिये गये थे. जब याचिका ही निरस्त हो चुकी है तो सरकार को होल्ड पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिये. लेकिन ऐसा लगता है कि राज्य शासन की ओबीसी वर्ग को उसका अधिकार देने की मंशा नहीं है. इस मामले में मध्य प्रदेश के महाधिवक्ता ने कानून के खिलाफ 87: 13 के फार्मूले का अभिमत देने की गलती की है. यह भी स्पष्ट नहीं है कि हाईकोर्ट के किस आदेश से 13 प्रतिशत पद होल्ड किये गए हैं."
87 प्रतिशत पदों पर जारी रखें भर्ती
वहीं, इस मामले पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने दोनों पक्ष सुनने के बाद राज्य सरकार को निर्देशित किया है कि भर्ती प्रक्रिया में 13 प्रतिशत पद रिक्त रखे जाएं. ओबीसी आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला नहीं आने तक अन्य 87 प्रतिशत पदों पर भर्ती जारी रखें.
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