प्रथम टुडे जबलपुर :-- सांसदों-विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों पर राज्य सरकार ने जबलपुर हाईकोर्ट में पेश किया जवाब, अदालत ने दो हफ्ते में मांगी विस्तृत जानकारी
मध्यप्रदेश में सांसदों और विधायकों के खिलाफ 19 आपराधिक मामले विशेष अदालतों में लंबित हैं। जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने यह जानकारी दी है। इसके बाद अदालत ने सरकार से इन मामलों की स्थिति और प्रगति का विस्तृत ब्योरा मांगा है। सरकार को दो हफ्ते में पूरी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिए गए हैं।
-मध्यप्रदेश के सांसदों और विधायकों के खिलाफ चल रहे अपराधिक मामलों को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अपना जवाब पेश किया है। सरकार ने न्यायालय को बताया कि प्रदेश में सांसदों और विधायकों से जुड़े कुल 19 मामले विशेष अदालतों में लंबित हैं। यह जवाब हाईकोर्ट के उस निर्देश के बाद आया, जिसमें सरकार से इन मामलों की विस्तृत जानकारी मांगी गई थी। अब हाईकोर्ट ने सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट की ओर से यह कदम सांसदों और विधायकों पर लंबित आपराधिक मुकदमों की प्रगति पर नजर रखने और उनके त्वरित निपटारे को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट में 19 लंबित मामलों का उल्लेख तो किया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हुआ कि इनमें से कितने मामलों में आरोप तय हुए या गवाही पूरी हुई है।
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में सौंपी रिपोर्ट
सांसदों और विधायकों के खिलाफआपराधिक मामलों पर हाई कोर्ट में राज्य सरकार ने किया जवाब पेश में चल रही सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अदालत को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। सरकार ने हाईकोर्ट को सूचित किया कि प्रदेश भर में सांसदों और विधायकों से संबंधित कुल 19 मामले विशेष अदालतों में विचाराधीन हैं। बता दें कि हाईकोर्ट ने इन मामलों के संबंध में विस्तृत ब्योरा मांगते हुए सरकार से कई अहम सवाल किए थे, जिनमें लंबित मामलों में आरोप तय होने की स्थिति, वर्तमान चरण और गवाही की प्रगति शामिल है। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह पूरा ब्योरा अदालत के समक्ष पेश करे।
दो हफ्ते में जवाब पेश करें राज्य सरकार
राज्य सरकार की ओर से पेश जवाब में 19 लंबित मामलों की बात सामने आई है, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इनमें से कितने मामलों में कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ी है। हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार को दो हफ्तों के भीतर विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई में सरकार द्वारा पेश की जाने वाली जानकारी के आधार पर इस मामले में आगे की कार्रवाई होगी।
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