प्रथम टुडे जबलपुर :-- नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विलमोर का 9 महीने बाद धरती पर लौटने का इंतजार आखिरकार खत्म हो गया. दोनों अंतरिक्ष यात्री अब सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस आ चुके हैं. यह एक लंबा सफर था, जिसमें कई बार उनकी वापसी में बाधाएं आईं, लेकिन अंततः यह मिशन सफल हो गया. नासा और स्पेसएक्स की साझेदारी ने इस यात्रा को अंजाम दिया, जिससे पूरी दुनिया में खुशी का माहौल है.
. 9 महीने बाद अंतरिक्ष से वापस आए सुनीता और बुच
सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर पिछले 9 महीने से अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर फंसे हुए थे. शुरुआत में, इन दोनों का घर वापस लौटने का कार्यक्रम कुछ ही हफ्तों में पूरा होने वाला था, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण उनकी वापसी में बार-बार देरी होती रही. अंत में, 13 मार्च को स्पेसएक्स ने फाल्कन 9 रॉकेट लॉन्च किया और इस मिशन के जरिए दोनों को वापस लायागया.
स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी
बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में आई तकनीकी समस्याओं के कारण सुनीता और बुच की वापसी में बाधा आई थी. इसके बाद, नासा को स्टारलाइनर को खाली वापस भेजने का निर्णय लिया और दोनों को स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में ट्रांसफर किया गया, जिसके बाद उनकी वापसी फरवरी में हुई.
स्पेसक्राफ्ट की सुरक्षित लैंडिंग
स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ने 19 मार्च की सुबह फ्लोरिडा के समंदर में लैंड किया. स्पेसक्राफ्ट के उतरने के कुछ ही समय बाद, रिकवरी टीमें वहां पहुंची और अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला. सुनीता और बुच ने कैप्सूल से बाहर निकलकर अपनी मुस्कान से दुनिया को खुशखबरी दी.
4स्वास्थ्य जांच और रिकवरी प्रक्रिया
अंतरिक्ष में शून्य गुरुत्वाकर्षण के कारण सुनीता और बुच की हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर हो गईं थीं. इसलिए, लैंडिंग के बाद डॉक्टरों ने उनकी सेहत की पूरी जांच की. सुनीता और बुच दोनों का स्वास्थ्य ठीक पाया गया, और उनकी रिकवरी प्रक्रिया शुरू की गई. उनका हृदय, रक्तचाप, दृष्टि और मानसिक स्वास्थ्य की जांच की गई.
. परिवारों के लिए इंतजार
सुनीता और बुच के परिवारों के लिए यह समय बहुत कठिन था. उनके परिवारवालों को कई महीनों तक अपने प्रियजनों से मिलने का मौका नहीं मिला. सुनीता को अपने परिवार से केवल इंटरनेट कॉल के जरिए बात करने का मौका मिला, जबकि बुच अपनी बेटी के हाई स्कूल के आखिरी साल में उनके साथ नहीं रह पाए.
पूरे विश्व में खुशी का माहौल
सुनीता विलियम्स की सुरक्षित वापसी को लेकर भारत और अमेरिका दोनों ही खुश हैं. केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसे एक गर्व और राहत का क्षण बताया. भारत में सुनीता के लिए प्रार्थनाएं की गईं, और अमेरिका के हिंदू मंदिरों में भी उनकी सफलता के लिए विशेष प्रार्थनाएं की गईं.
. भविष्य की तैयारी
सुनीता और बुच की इस यात्रा ने नासा और स्पेसएक्स के लिए नए पहलुओं पर सोचने का मौका दिया. भविष्य में मंगल मिशन और उससे आगे के मिशनों के लिए यह अनुभव अहम साबित होगा. वैज्ञानिकों ने अब यह समझा है कि लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है और इससे कैसे निपटा जा सकता है.
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