प्रथम टुडे जबलपुर: -- कलेक्टर दीपक सक्सेना के द्वारा एक बार फिर मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा धन परिवहन घोटाला उजागर किया गया है. इस धान प्रचलन भाषा में अफरा तफरी की भाषा कहा जाता है । लगातार कलेक्टर साहब को शिकायतें मिल रही थी कि मिलर द्वारा शहर के बाहर धान उठाव की बजाय स्थानीय में ही दलालों के माध्यम से बेचा जा रहा है । शिकायत मिलने के बाद ही उनके द्वारा एक टीम बनाई गई जिसमें नाथूराम गोंड अपर कलेक्टर कलेक्टर, ऋषभ जैन संयुक्त कलेक्टर, शिवानी सिंह संयुक्त कलेक्टर एवं संजय खरे सहायक आपूर्ति अधिकारी को इस टीम में रखा गया. इन सभी अधिकारियों ने दिन-रात एक करते हुए करीब करीब पान्ने की एक रिपोर्ट तैयार करके कलेक्टर महोदय को सौंपी रिपोर्ट के अनुसार करीब 97% ट्रक जो धान उठाओ के लिए लगाए गए थे उनके नंबर फर्जी निकले, इतना ही नहीं बाकी के जो नंबर दर्ज किए गए थे उनमें कार और ऑटो के नंबर दर्ज पाए गए । इस पूरे मामले में करीब 30 करोड रुपए का घोटाला सामने आया है जिसको लेकर मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन के जिला प्रभारी प्रबंधक साहित 13 कर्मचारी 17 राइस मिलर संचालक 25 सोसाइटी/ उपार्जन केंद्र सहित कुल 74 लोगों पर 12 जिलों में 12 थाने में अपराध पंजीबद्ध करने सक्षम अधिकारी को आदेशित किया गया है. इसके अलावा अभी और भी कंप्यूटर ऑपरेटर और कर्मचारी भी इसमें शामिल है जिनके खिलाफ भी प्रतिवेदन बनाकर भेजा गया है.
No comments:
Post a Comment