पात्रता परीक्षा पास करने बाद भी चयन परिक्षा से बाहर हुए शिक्षकों को दिखाया बाहर का रास्ता - Pratham Today, Sach Ki Baat SabKe Saath -->

Breaking

Sunday, February 23, 2025

पात्रता परीक्षा पास करने बाद भी चयन परिक्षा से बाहर हुए शिक्षकों को दिखाया बाहर का रास्ता


     
                                                         
प्रथम टुडे M.P :-- मध्य प्रदेश सरकार द्वारा चुप पात्रता परीक्षा 2021 एवं 22 में भारती निर्धारित थी। इस परीक्षा में माध्यमिक शिक्षा एवं प्राथमिक शिक्षकों का चयन होना था।           

सरकार की ढुलमुल नीति का परिणाम भोग रहे शिक्षक*  जो परीक्षा सरकार ने 2021-22 में निर्धारित की थी उसे परीक्षा को लेने में सरकार ने 5 वर्ष का वक्त लगा दिया। जिसके कारण इसमें सबसे बड़ी समस्या उन शिक्षकों को आ गई जो उसे समय तो आयु के हिसाब से इस परीक्षा को देने के लिए पात्र थे। लेकिन सरकार के द्वारा 5 वर्ष का वक्त बीत जाने के बाद लीग जाने वाली परीक्षा में अब सबसे बड़ी समस्या,उन शिक्षकों को आ रही है । जिनकी आयु सीमा निर्धारित आयु सीमा से ज्यादा हो गई है, इन शिक्षकों का कहना है कि सरकार अगर निर्धारित समय में यह परीक्षा लेती तो वह भी इस चयन परीक्षा में सम्मिलित होकर पात्रता हासिल कर सकते थे।                 

  *सबसे ज्यादा परेशानी अतिथि शिक्षकों के सामने*-  

चयन परीक्षा में सबसे ज्यादा परेशानी उन अतिथि शिक्षकों को हो रही है जिन्होंने अतिथि शिक्षक रहते हुए अपना 15 से 20 वर्ष अतिथि शिक्षक में गुजार दिया। इन अतिथि शिक्षकों के सामने अब अपनी रोजी-रोटी को लेकर सवाल खड़ा हो गया है। क्योंकि अतिथि शिक्षकों की उम्र निर्धारित उम्र से ज्यादा हो चुकी है उसका भी कारण सरकार द्वारा निर्धारित समय में परीक्षा ना लेना बताया जा रहा है।                   

  *ऐसा ना हो सड़क पर फूटे आक्रोश*-

 अभी है अतिथि शिक्षक जब परेशान हो रहे हैं तो हो सकता है आने वाले समय में यह सड़क पर उतरकर अपना विरोध जताए। जिसमें पता चला है इन अतिथि शिक्षकों के साथ वे शिक्षक भी सड़क पर आने की तैयारी कर रहे हैं जो 21- 22 में तो इस परीक्षा के लिए पात्र थे, लेकिन आप 5 वर्ष देरी से परीक्षा होने पर इनकी आयु सीमा भी अधिक हो गई है। इन सभी का कहना है कि सरकार की ढुलमुल रवैया के कारण उनका अपना परिवार और अपना भविष्य अब अंधकार में है जिसके लिए भी अब सड़क पर आकर लड़ाई लड़ने के लिए बाध्य हो रहे हैं। कहा तो यह भी जा रहा है यह शिक्षक ऐसा ना हो की भोपाल में जाकर माध्यमिक शिक्षा मंडल के ऑफिस को भेजने का काम करें।

No comments:

Post a Comment