जैद नामक इस युवक को मां ने ही 7 साल से पहना रखी थी लोहे की बेड़ियां
खजराना थाना अंतर्गत जहां युवक को बेड़ियों से कैद कर कर रखा था रोजाना वहां से हजारों लोग निकालते हैं।
बेटे को छुड़ाने जाने पर मां हिंसक हो जाती है। 30 वर्षीय जैद बनना चाहता था गायक। प्र
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प्रथम टुडे म.प्र -- इंदौर शहर खजराना थाना अंतर्गत एक अनोखा मामला सामने आया है। इंदौर प्रशासन द्वारा भिक्षुक मुक्त शहर बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए कल एक युवक जो पिछले 7 सालों से बेड़ियों में जकड़ा हुआ था। उसे कल बड़ी मस्कत के बाद पुलिस प्रशासन एनजीओ ने बेड़ियों से आजादी दिलाई।
*मानसिक रोगी जैद को भेजा अस्पताल*- मानसिक रोगी जैद को जब एनजीओ के लोग पुलिस की मदद के साथ छुड़वाने पहुंचे तो उसकी मां हिंसक होती और गंदी-गंदी गालियां देने के साथ ही अभद्रता पर उतारू हो गई थी। जिसे बहुत समझाया जा रहा था कि आपके बेटे को इलाज के लिए लेकर जा रहे हैं। कई लोगों के द्वारा मां को पकड़ा गया और उससे बेड़ियों में लगे ताले की चाबी मांगी गई लेकिन उसने चाबी देने से इनकार कर दिया। इसके पहले जब एनजीओ और पुलिस के लोग जैद को छुड़ाने पहुंचे तो उसे समय उसके आसपास प्लास्टिक की पानी का घेरा बना हुआ था, और उसके अंदर बेहद गंदगी भरे माहौल में वह बेड़ियों से बंधा बैठा हुआ था। जैसे ही उसे छोड़ने के लिए बताया गया तो वह खुद कहने लगा कि मुझे छुड़ा लो। सबसे पहले उसके बदन में लिप्त एकमात्र टॉवल को अलग करके साफ़ सुथरे कपड़े पहने गए। उसके बाद उसके पास वकील थैली को चेक किया गया तो उसमें ₹2000 रुपए और मोबाइल रखा हुआ था। *सिंगर बनाना चाहता था जैद*- आसपास के लोगों से पूछने पर ज्ञात हुआ कि जैद के पिता ने उसकी मां और उसके साथ उसकी बहन को छोड़ दिया था। जैद जब 15 साल का था तब उसकी लगन एक अच्छे सिंगर बनने की थी। जिसके लिए वह प्रयास भी कर रहा था और बहुत अच्छे गाने गाता था। लेकिन एक बार किसी दुर्घटना में उसके सर पर चोट लग गई और वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठा। उसके बाद उसकी मां ने उसको बजाए डॉक्टरी इलाज के झाड़ फूंक का सहारा लिया जिससे उसकी हालत और बिगड़ती चली गई।
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