प्रथम टुडे जबलपुर।
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) 2024 के परिणामों में जबलपुर के हिमांशु सोनी ने ऐसा कीर्तिमान रचा है, जो संघर्ष और हिम्मत की मिसाल बन गया। हिमांशु ने विकलांग आरक्षण वर्ग में प्रथम स्थान तथा सामान्य मेरिट सूची में 13वां स्थान प्राप्त कर शहर और परिवार का नाम गौरवान्वित किया है।
इंटरव्यू से पहले हुआ बड़ा हादसा
हिमांशु का यह सफर आसान नहीं रहा। 100 प्रतिशत अस्थि दिव्यांग होने के बावजूद उन्होंने हमेशा पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। लेकिन इस बार परीक्षा के अंतिम चरण से पहले किस्मत ने उन्हें और कठिनाई दी।
19 अगस्त को नहाते समय पैर फिसलने से उनका हाथ टूट गया। डॉक्टरों ने तत्काल सर्जरी कर हाथ में रॉड डाली और आराम की सलाह दी। इस स्थिति में इंटरव्यू देना लगभग असंभव लग रहा था।
एंबुलेंस से पहुंचे इंदौर
इंटरव्यू की तारीख 28 अगस्त तय थी। सामान्य तरीके से यात्रा करना संभव न होने के बावजूद हिमांशु ने हार नहीं मानी। वे एंबुलेंस से इंदौर पहुंचे और दर्द को पीछे छोड़कर साक्षात्कार दिया। MPPSC के इतिहास में यह नजारा अद्भुत रहा जब एक अभ्यर्थी ने ऐसी परिस्थितियों में भी परीक्षा प्रक्रिया पूरी की।
शिक्षक परिवार से हैं संबंध
जबलपुर के अधरताल क्षेत्र निवासी हिमांशु के पिता महेंद्र सोनी और माता माधवी सोनी, दोनों ही सेवानिवृत्त शिक्षक हैं। बचपन से ही पढ़ाई में मेधावी रहे हिमांशु ने कड़ी मेहनत से MPPSC की तैयारी की। उन्होंने 2022 में भी परीक्षा दी थी, लेकिन इस बार नई रणनीति और आत्मविश्वास के दम पर शानदार सफलता हासिल की।
डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित
MPPSC-2024 के परिणामों के साथ हिमांशु अब डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुए हैं। यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे जबलपुर के लिए गर्व की बात है। उनकी कहानी उन सभी युवाओं को प्रेरित करती है, जो शारीरिक चुनौतियों के बावजूद सपनों को साकार करने का साहस रखते हैं।
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