रिक्शा वाले बने थाना प्रभारी, गन्ने का रस बेचता रहा सिपाही, पंजाब में हुई गिरफ्तारी
जैतापुर थाने से फरार हुए थे दोनों आरोपी
प्रथम टुडे जबलपुर :-- खरगोन। जिले की जैतापुर पुलिस ने हथियार तस्करों की गिरफ्तारी के लिए जो तरीका अपनाया, वह किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं था। थाना प्रभारी और उनकी टीम ने पंजाब के जालंधर में एक सप्ताह तक भेष बदलकर निगरानी की और अंततः दोनों फरार आरोपियों को धरदबोचा।
यह मामला 30 मई का है, जब जैतापुर पुलिस ने दो हथियार तस्कर—वीरपाल सिंह और जगविंदर सिंह—को अवैध देसी पिस्टल और जिंदा कारतूसों के साथ गिरफ्तार किया था। लेकिन उसी रात दोनों आरोपी थाने से फरार हो गए, जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।
SIT गठित कर शुरु की गई जांच
इस गंभीर घटना के बाद पुलिस अधीक्षक (SP) ने विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया। प्रारंभिक जांच में यह जानकारी सामने आई कि दोनों आरोपी आगरा-मुंबई हाईवे से होते हुए एक ट्रक में बैठकर पंजाब की ओर भागे थे। इसके बाद पुलिस टीम जालंधर पहुंची
रराथाना प्रभारी बने रिक्शा चालक, सिपाही बेच रहा था गन्ने का रस
जालंधर में दो टीमों में बंटकर कार्य किया गया। एक टीम स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर सुराग जुटाने में लगी रही, जबकि दूसरी टीम ने इलाक़े में भेष बदलकर आरोपियों की रेकी शुरू की। थाना प्रभारी खुद रिक्शा चालक बनकर घूमते रहे, वहीं एक सिपाही गन्ने का रस बेचते हुए निगरानी करता रहा।
गर्भवती पत्नी से मिलने पहुंचा
इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी जगविंदर सिंह की पत्नी गर्भवती है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस इनपुट पर पुलिस ने अस्पताल और उसके आसपास के इलाके में नाकेबंदी कर दी। जैसे ही जगविंदर अपनी पत्नी को अस्पताल लेकर गया, पुलिस ने उसे स्टेशन रोड पर पकड़ लिया।
उससे पूछताछ में मिले सुरागों के आधार पर पुलिस ने वीरपाल सिंह को भी धर दबोचा।
ट्रांजिट रिमांड पर लाए गए मध्यप्रदेश
दोनों आरोपियों को जालंधर की अदालत में पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर मध्यप्रदेश लाया गया है। इस पूरी कार्रवाई में खरगोन पुलिस की सतर्कता, रणनीति और फिल्मी अंदाज ने सभी को चौंका दिया है।
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