Update [8/5, 15:56] Anurag Dixit pratham today
प्रथम टुडे जबलपुर: नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में किस तरह से डॉक्टर टीचर बनकर मेडिकल छात्राओं को पढ़ाते हैं इसका एक फर्जी वाड़ा सामने आया है। दरअसल 25 अप्रैल को नेशनल मेडिकल कमीशन ने मेडिकल कॉलेज को एक करोड रुपए का एक नोटिस भेजा है। इस नोटिस में उन्होंने मेडिकल कॉलेज के दो डॉक्टर अजय डोडारिया और डॉ. वीरेंद्र आर्य के संबंध में उनके अनुभव प्रमाण पत्र पत्रों पर संदेह जाहिर किया है। कहा गया है कि अनुभव की कमी होने के बाद भी इन्हें टीचरशिप देने पर सवाल उठाया गया है। पूछा गया है कि ऐसा होने पर भी कोई कार्यवाही उन पर क्यों नहीं की गई । बताते हैं कि डॉक्टर आर्य जो कि मेडिसिन जनरल के टीचर हैं उन्हें पलमोनरी मेडिसिन में टीचर बना दिया गया है जो की पूरी तरह गलत है। बताते हैं कि तीन-चार साल पहले
तत्कालीन विभाग अध्यक्ष डॉक्टर जितेंद्र भार्गव ने उन्हें अनुभव प्रमाण पत्र दिया था, जबकि वे उसे योग्य नहीं थे। मेडिकल में सवाल उठ रहे हैं कि मेडिसिन जनरल की पढ़ाई करने वाला पलमोनरी मेडिसिन में कैसे टीचर बन सकता है। लेकिन डॉक्टर जितेंद्र भार्गव ने डॉक्टर आर्य का अनुभव प्रमाण पत्र बनाने में कोई हिचक महसूस नहीं की। बताते हैं कि इस बात का विरोध तत्कालीन अधिष्ठाता डॉक्टर गीता गोइंग ने भी किया था लेकिन उनकी एक न चली। मालूम हो कि डॉक्टर जितेंद्र भार्गव निलंबित हो चुके हैं और अब जवाब वर्तमान अधिष्ठाता को देना है। कुछ इसी तरह की जानकारी डॉक्टर अजय दादोरिया की भी सामने आई है। इस संबंध में मेडिकल कॉलेज अधिष्ठाता डॉक्टर नवनीत सक्सेना ने पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि उनके पास जवाब देने के लिए अभी 7 दिन का वक्त है और इस समयावधि में वे
[8/5, 15:59] Anurag Dixit:
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