प्रथम टुडे राष्ट्रीय : -- राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का समापन करते हुए आज मंगलवार को लोकसभा में पीएम नरेंद्र मोदी अपनी स्टाइल भाषण दिया। मोदी जब संसद में बोलते हैं तो यह समझना मुश्किल होता है कि वे अपनी उपलब्धियां बताने के लिए बोल रहे हैं ।या विरोधियों को चित करने के लिए। पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस और राहुल गांधी देश में जाति जनगणना की डिमांड का एकतरफा अभियान चला रहे हैं। राहुल हर मंच और हर सभा में सवाल उठाते हैं कि देश के महत्वपूर्ण मामलों का निर्णय करने वालों नीति नियंताओं में कितने ओबीसी और दलित हैं? राहुल यहां तक पूछते हैं कि देश में कितने पूंजीपति दलित और पिछड़े समुदाय से आते हैं?
राहुल बार-बार संविधान का जिक्र करते हैं और बीजेपी सरकार पर संविधान विरोधी होने का आरोप लगाते रहे हैं। राहुल ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा की शुरूआत करते हुए सोमवार को अपने भाषण में भी इस मुद्दे के इर्द गिर्द ही रखा मोदी के पास मौका था । आज वो इसका जवाब दें यही नहीं आज का दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि कल ही यानि बुधवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। दिल्ली में इस बार आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी में सीधा मुकाबला है। कांग्रेस भी कई सीटों पर अपनी जाति की राजनीति के बदौलत ताकतवर होने का दम भर रही है । मोदी ने लोकसभा भाषण में जाति को लेकर कांग्रेस की राजनीति की बखिया उधेड़ दी , मोदी ने देश की जनता को बताया कि संविधान को जेब में लेकर घूमने वालों पता नहीं है कि संविधान का सम्मान कैसे किया जाता है। उन्होंने उदाहरण देकर समझाया किस तरह बीजेपी ने दलित आदिवासियों और अल्पसंख्यकों का कल्याण बिना किसी हो भला नहीं हो सकता ।
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