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प्रथम टुडे जबलपुर;---जालसाज ऐसा कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं, जब जहां लगता है लगातार धोखाधड़ी और ठगी के मामले सामने आ रहे हैं। सही एक मामला सामने और आया है ।जिसमें मध्य प्रदेश सहित टोल नको में ली जाने वाली रकम जो करीब 130 करोड़ है नकली सॉफ्टवेयर बनाकर धोखा घड़ी कर ली गई। गणतंत्र दिवस : सांस्कृतिक कार्यक्रमों की फुल ड्रेस रिहर्सल संपन्न. जैसा नकली सॉफ्टवेयर बनाकर जिसमें मध्य प्रदेश भी शामिल है 13 राज्यों को धोखाधड़ी करने वाली और उसके साथियों में 130 करोड़ का चूना लगा दिया। *200 टोल प्लाजा में धोखाधड़ी*- यूपी एसटीएफ ने इस मामले में बड़ी सफलता हासिल करते हुए इस धोखाधड़ी को अंजाम देने वाले मास्टर माइंड सहित उसके तीन साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया है। वही अभी एसटीएफ यह भी पता कर रही है कि इसके साथ और कितने लोग शामिल थे। इन लोगों में मध्य प्रदेश सहित 13 राज्यों में 200 टोल प्लाजा में इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया था। *मास्टरमाइंड आलोक सिंह सॉफ्टवेयर इंजीनियर है*- इस पूरे मामले में मास्टरमाइंड आलोक सिंह सॉफ्टवेयर इंजीनियर है जो एनएएचआई के लिए सॉफ्टवेयर बनाता था। इसी ने डुप्लीकेट सॉफ्टवेयर बनाकर कुछ ठेकेदारों के साथ मिलकर इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया। अधिकतर बिना फास्ट टैग वाले वाली गाड़ियों की रकम में यह पूरा खेल हुआ क्योंकि जिसमें 50% ठेकेदार को और 50% एनएचएआई को जाता था। लेकिन लेकिन इस नकली सॉफ्टवेयर के चलते आधा पैसा पूरा-पूरा ठेकेदार और आलोक सिंह की जब में जाने लगा। जैसे ही यूपी एसटीएफ को इस चीज की शिकायत मिली उन्होंने जांच करने के उपरांत आलोक सिंह सहित तीन ठेकेदारों को गिरफ्तार कर लिया है।
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